संतान के लिए रखें हलषष्ठी व्रत, जानिए तिथि एवं पूजा मुहूर्त

हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ,

Update: 2021-08-28 07:09 GMT

हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ, हल षष्ठी या बलराम जयंती मनाई जाती है। हल षष्ठी के अवसर पर भगवान ​श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता बलराम जी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। बलराम जी का जन्मोत्सव श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से दो दिन पूर्व होता है। इस वर्ष हल षष्ठी या बलराम जयंती 28 अगस्त दिन शनिवार को है, जबकि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त दिन सोमवार को है। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं हल षष्ठी या बलराम जयंती की सही तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में।

हल षष्ठी या बलराम जयंती 2021 मुहूर्त

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ 27 अगस्त दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है। षष्ठी तिथि अगले दिन 28 अगस्त दिन शनिवार को रात 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि को देखते हुए हल षष्ठी या बलराम जयंती 28 अगस्त को है। हल षष्ठी का व्रत इस दिन ही रखा जाएगा।

हल षष्ठी का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बलराम जयंती, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। यह निर्जला व्रत महिलाएं रखती हैं। हल षष्ठी के दिन व्रत रखते हुए बलराम जी और हल की पूजा की जाती है।

गदा के साथ ही हल भी बलराम जी के अस्त्रों में शामिल है। हल पूजा के कारण ही इसे हल षष्ठी या हल छठ कहा जाता है। बलराम जी की कृपा से संतान की आयु दीर्घ होती है और उसका जीवन सुखमय तथा खुशहाल होता है।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

Tags:    

Similar News

-->