घर में रखतें हैं गंगाजल ना करें ये गलतियां, परेशानियां का करना पड़ सकता है सामना…
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सनातन धर्म में गंगा नदी को देवी का रूप माना जाता है. गंगाजल को सबसे ज्यादा पुनीत माना जाता है. मां गंगा को इस युग में भी पापतारिणी कहा गया है. कुछ भी घर में शुभ कार्य होने पर गंगाजल का प्रयोग जरूर किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां गंगा मोक्ष देते हैं. ना जाने कितने लोग हैं जो हर रोज गंगा में ही स्नान करते हैं.आज के इस कलयुग में भी गंगा मां के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा है.
लोग अपने घरों में गंगाजल को अवश्य रखते हैं. गंगाजल को घर में रखना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि अगर घर में गंगाजल रखते हैं तो आपके घर में सकारात्मकता बनी रहती है. ऐसे में आम तौर पर लोग गंगाजल को पूरी श्रद्धा के साथ अपने घर में पूजा घर में स्थान देते हैं, लेकिन इसे घर में रखते समय कुछ बातों का यदि ध्यान न दिया जाए तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
किस तरह के पात्र में नहीं रखना चाहिए गंगाजल
आम तौर पर देखा गया है कि लोग घर में गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल में या फिर किसी डब्बे में भर कर रख देते हैं. लेकिन आपको बता दें कि कभी गलती से भी प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल को नहीं रखना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक को शुद्ध नहीं माना जाता है. ऐसे में जहां तक हो गंगाजल को तांबा, पीतल, मिट्टी या चांदी को पात्र मे ही रखना चाहिए.
भूलकर भी न करें ये कार्य
अगर आप अपने घर में गंगाजल को रखते हैं तो सात्विकता व सफाई का हर हालत में पूरा ही ध्यान रखना चाहिए. हमेशा ध्यान रखें कि आप जिस स्थान पर गंगाजल रखते हैं वहां पर भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं किया जाना चाहिए, अगर आप ऐसा करते हैं तो गंगाजल को रसोईघर आदि से दूर रखना चाहिए.
ऐसे स्थान पर न रखें गंगाजल
आपको बता दें कि गंगाजल जीवन में शुद्धिता को प्रदान करता है तो ऐसे में इसको कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए जहां पर अंधेरा रहता हो. क्योंकि गंगाजल पवित्र होता है तो आपको इसे रखते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जहां पर गंगाजल रखा है वहां किसी तरह से गंदगी नहीं होनी चाहिए.
इस तरह लगता है दोष
गंगाजल को छूने से पहले भी कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. आपको इसको छूने से पहले अच्छी तरह से हाथों को धो लेना चाहिए, भूलकर भी कभी गंगाजल को गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए. अगर आप गंदे हाथों से या फिर अपवित्र स्थिति में गंगाजल को छूते हैं तो ये दोष होता है.