Karwa Chauth 2020: जानें शाम को पूजा करते समय जरूर पढ़ें ये विशेष मंत्र

इस वर्ष करवा चौथ 4 नवंबर को है। इस दिन शादिशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत या उपवास करती हैं।

Update: 2020-10-31 13:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इस वर्ष करवा चौथ 4 नवंबर को है। इस दिन शादिशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत या उपवास करती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद खास महत्व रखता है। इस व्रत का महिलाएं पूरे वर्ष इंतजार करती हैं। वैसे तो कहा जाता है कि यह व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। लेकिन यह व्रत पति-पत्नी के बीच का प्यार भी बढ़ाता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। साथ ही करवा माता की कथा भी सुनते हैं। करवा चौथ के दिन महिलाओं को कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए जो काफी फलदायी साबित होते हैं। कहते हैं कि इन मंत्रों का जाप तब करना चाहिए जब रात को चंद्रमा की पूजा की जाती है। यहां हम आपको करवा चौथ के एक विशेष मंत्र की जानकारी दे रहे हैं जो विशेष फलदायी होता है।

करवा चौथ विशेष मंत्र:

जब रात में चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को जल अर्पित करती हैं तो इस समय मंत्र का जाप करना चाहिए जो कुछ इस प्रकार है- "सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे"। अर्थात् मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों में श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों में किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार में सुख शांति का वास हो।

नारदपुराण में मौजूद एक कथा के अनुसार, इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन शाम के समय भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कर्तिकेय,गणेश एवं चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें नैवेद्य अर्पित करते हैं। जब नैवेद्य अर्पित किया जाता है तो कहना चाहिए कि भगवान कपर्दी गणेश मुझ पर प्रसन्न हों। मेरे परिवार में सुख शांति का वास रहे।' मां पार्वती महिलाओं द्वारा रखे गए व्रत और श्रद्धा से प्रसन्न होकर उन्हें सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद देती हैं।



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