Jupiter Retrograde 2021: मकर राशि में शनि के साथ गुरु का गोचर, इन राशियों की बढ़ा सकता है परेशानी

ज्योतिष शास्त्र में गुरु यानि बृहस्पति ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. गुरु को देव गुरु बृहस्पति भी कहा गया है. शास्त्रों में देव गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी बताया गया है

Update: 2021-09-27 15:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Jupiter Retrograde 2021: ज्योतिष शास्त्र में गुरु यानि बृहस्पति ग्रह को महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. गुरु को देव गुरु बृहस्पति भी कहा गया है. शास्त्रों में देव गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी बताया गया है. गुरु की गिनती शुभ फल प्रदान करने वाले ग्रह के रूप में की जाती है. गुरु शुभ होने पर व्यक्ति को उच्च पद और आय में वृद्धि कराते हैं. गुरु को ज्ञान, प्रशासन आदि का कारक माना गया है.

मकर राशि में गुरु और शनि की युति
मकर राशि में शनि के साथ गुरु की युति बनी हुई है. मकर राशि, शनि की अपनी राशि है. यानि शनि को मकर राशि का स्वामी माना गया है. मकर राशि में शनि देव के साथ, गुरु भी विराजमान हैं. मकर राशि को गुरु की नीच राशि माना गया है. मकर राशि में गुरु, शनि के साथ नीचभंग राजयोग का निर्माण कर रहे हैं.
गुरु वक्री 2021 (Guru Vakri 2021)
गुरु वर्तमान समय में वक्री अवस्था में चल रहे हैं. गुरु वक्री से मार्गी 18 अक्टूबर 2021 को होने जा रहे हैं. गुरु जब मार्गी होते है अपने फलों में कमी लाते हैं.
इन राशियों को देना होगा ध्यान
गुरु वक्री होने पर सेहत और धन से जुड़ी दिक्कतें भी प्रदान करते हैं ज्योतिष शास्त्र में गुुरु को पेट संबंधी रोग का भी कारक माना गया है. इसलिए कन्या, मकर राशि वालों को सेहत के मामले में विशेष ध्यान देने की जरूरत है. वहीं वृषभ और वृश्चिक राशि वालों को धन के मामले में सावधान रहने की जरूरत है. इन राशियों के साथ अन्य राशियों को भी गुरु के इन मंत्रों का जाप करने से लाभ प्राप्त होगा.
गुरु के मंत्र (Guru Mantra)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।
ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।


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