Janmashtami 2021: जन्‍माष्‍टमी की पूजा में भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां, जानें

यूं तो वासुदेव बेहद दयालु होते हैं.

Update: 2021-08-30 13:44 GMT

यूं तो वासुदेव बेहद दयालु होते हैं और थोड़े से प्रयास से ही अपने भक्‍तों से प्रसन्‍न हो जाते हैं और हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। लेकिन फिर भी जन्‍माष्‍टमी की पूजा में कुछ नियमों का ध्‍यान रखना जरूरी होता है। कुछ बातों की अनेदेखी कर देने से आपको कृष्‍णजी की पूजा का संपूर्ण फल नहीं प्राप्‍त होता है और आपका व्रत अधूरा माना जाता है। आइए आपको बताते हैं इन नियमों के बारे में…

इस रंग से करें पर‍हेज
जन्‍माष्‍टमी के दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन काले रंग के कपड़ों को पहनन से परहेज करना चाहिए। शास्‍त्रों के अनुसार पूजा में काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। इसलिए जन्‍माष्‍टमी की पूजा में लाल या फिर पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
तुलसी का प्रयोग जरूर करें
भगवान कृष्‍ण का कोई भी भोग तुलसी के बिना नहीं रखा जाता है। कृष्‍णजी की पूजा में तुलसी रखना जरूरी माना जाता है। इसलिए जन्‍माष्‍टमी पर कोई भी भोग लगाएं तो उसमें तुलसी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें।
ऐसा भूलकर भी न करें
जिस प्रकार आप अपने छोटे बच्‍चे को कभी भी अकेले नहीं छोड़ते हैं उसी प्रकार जन्‍माष्‍टमी के दिन लड्डू गोपाल जी को भी अकेले न छोड़ें। जन्‍मोत्‍सव के बाद भी भगवान के साथ परिवार का कोई सदस्‍य रहना चाहिए। वरना आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है।
ऐसे फूल न चढ़ाएं
भगवान की पूजा में इस बात का ध्‍यान रखें कि भूलकर भी बासे फूल का प्रयोग करें। भगवान को कभी भी मुरझाए हुए फूल न चढ़ाएं। ऐसे फूल चढ़ाना अच्‍छा नहीं माना जाता है और ऐसे फूल चढ़ाना शास्‍त्रों में वर्जित बताया गया है।
ऐसा करने से प्रसन्‍न होती हैं मां लक्ष्‍मी
जन्‍माष्‍टमी को सभी व्रतों का व्रतराज बताया गया है। इस दिन मन को शांत रखकर पूजा में मन लगाएं और सच्‍चे मन से ईश्‍वर से प्रार्थना करें। इस दिन किसी तरह के बुरे विचार मन में न लाएं और किसी से भला-बुरा न कहें। मान्‍यता है कि पूरे विधि-विधान से पूजा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और आपके घर में सुख और समृद्धि आती है।
इन चीजों से दूर रहें
अगर कोई व्‍यक्ति कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का व्रत नहीं करता है तो भी उसे सात्विक भोजन करना चाहिए। ऐसे लोगों को लहसुन और प्‍याज से दूर रहना चाहिए। मान्‍यता है कि जन्‍माष्‍टमी की रात को महानिशा रात माना जाता है। इसलिए इस दिन ऐसा करने से पाप के भागीदार बनते हैं। इस दिन व्रत न करने वालों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए।


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