इस दिन विवाह करना हो सकता है ,नुकसानदेह
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शादी करने के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं. शुभ मुहूर्त में शादी करने के लिए कई बार लड़के-लड़कियां लंबा इंतजार भी करते हैं. लेकिन हिंदू धर्म-ज्योतिष में कुछ दिन शादी-विवाह के लिए इतने शुभ माने गए हैं कि उनमें बिना मुहूर्त के भी शादियां की जाती हैं, जैसे-अक्षय तृतीया और तुलसी विवाह का दिन. वहीं धर्म-पुराणों में एक दिन को इतना अशुभ माना गया है कि उस दिन सारी ग्रह-स्थितियां ठीक रहें तब भी शादी नहीं करनी चाहिए. इसके पीछे एक खास वजह है.
विवाह पंचमी पर न करें शादी
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहा जाता है. इस दिन शादी करना बहुत अशुभ माना गया है. दरअसल, विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस दिन 8 दिसंबर 2021 को विवाह पंचमी है. इसी दिन माता सीता का स्वयंवर हुआ था और राम ने धनुष तोड़कर राजा जनक की शर्त पूरी की थी. चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत दुखी रहा था इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं.
श्रीराम ने कर दिया था सीता का परित्याग
श्रीराम के साथ विवाह के बाद माता सीता 14 साल तक उनके साथ वनवास में रहीं. इसके बाद जब वनवास पूरा हुआ तो अग्नि परीक्षा देने के बाद भी श्रीराम ने गर्भवती सीता का परित्याग कर दिया और उन्होंने एक आश्रम में अपने 2 पुत्रों लव और कुश को जन्म दिया था. उनके ऐसे ही दुखद जीवन के कारण लोग अपनी बेटियां विवाह पंचमी के दिन नहीं ब्याहते हैं कि कहीं सीता की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन भी दुखद न रहे.