इन राशियों के भाग्य में वृद्धि, होली से पहले सूर्य ने किया राशि परिवर्तन
होली से पहले सूर्य का मीन राशि में 14 मार्च से गोचर और खरमास का आरम्भ हो गया है। अपने स्वाभाविक संचरण के क्रम में ग्रहीय मंत्री मण्डल में राजा की पदवी प्राप्त सूर्य देव का गोचरीय संचरण अपने पुत्र शनि देव की दूसरी राशि कुम्भ से देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में जा चुके हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। होली से पहले सूर्य का मीन राशि में 14 मार्च से गोचर और खरमास का आरम्भ हो गया है। अपने स्वाभाविक संचरण के क्रम में ग्रहीय मंत्री मण्डल में राजा की पदवी प्राप्त सूर्य देव का गोचरीय संचरण अपने पुत्र शनि देव की दूसरी राशि कुम्भ से देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में जा चुके हैं। अब सूर्य देव मीन राशि में 14 अप्रैल 2022 दिन गुरुवार तक रहकर भारत सहित सम्पूर्ण विश्व एवं चराचर जगत को प्रभावित करेंगे। देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में सूर्य देव के प्रवेश के साथ ही खरमास का आरंभ हो जाता है। खरमास में विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्तो का अभाव हो जाता है ऐसे में विवाह आदि जैसे शुभ कार्य माह भर स्थगित रहेंगे। पूजा जप ,तप, यज्ञ व अनुष्ठान के लिए यह समयावधि शुभ फल प्रदायक होता है।
स्वतंत्र भारत की कुंडली कर्क राशि एवं वृष लग्न की होने के कारण सुखेश होकर लाभ भाव मे गोचरीय संचरण आरम्भ करेंगे । मीन राशि में सूर्य अपना संपूर्ण प्रभाव दे पाने में समर्थ होंगे। क्योंकि मीन राशि में सूर्य देव अपने उच्चाभिलाषी स्थिति को प्राप्त करते हैं फलतः आम जन मानस के सुखों में वृद्धि, बौद्धिक क्षमता प्राप्त व्यक्तित्व के सम्मान में वृद्धि कार्यक्षमता में वृद्धि की स्थिति बनेगी।युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई योजनाओं का आरंभ हो सकता है। व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियों में राष्ट्र की गति सकारात्मक रूप से दिखाई देगी। विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के संकेत दिखेंगे । सरकार के प्रभाव में वृद्धि, भारत मे वर्चस्व में विश्व स्तरीय वृद्धि, राजनैतिक, सामाजिक भय में कमी , असंतोष के साथ साथ राजनीतिक जनों के वाणी में कटुता, वैचारिक मतभेद में वृद्धि , सरकार द्वारा वाहन, इंफ्रास्ट्रक्चर , कंस्ट्रक्शन आदि के क्षेत्र में लोक लुभावन कार्य योजना आरम्भ किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारियों के हित के लिए नई योजनाओं की घोषणा भी सम्भव है। अधिकारी वर्ग के लिए यह समय अनुकूल प्रद बना रहेगा।
मेष :- पंचम के कारक होकर व्यय भाव में।
अध्ययन अध्यापन अथवा डिग्री के लिए यात्रा
सरकारी कार्यों में सामान्य तनाव संभव
बौद्धिक क्षमता एवं कार्य क्षमता में तनाव
संतान पक्ष से चिंता एवं कष्ट में वृद्धि संभव
रोग कर्ज एवं शत्रु पर विजय आंखों का ख्याल रखें
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें ।
वृष :- सुख के कारक होकर लाभ भाव में।
सुख के साधनों गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि
जमीन के लाभ एवं मातृ सुख में वृद्धि
सरकारी एवं व्यापारिक विस्तार एवं लाभ में वृद्धि
पिता के सहयोग, कर्म क्षेत्र एवं परिश्रम में वृद्धि
कार्य स्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि
उपाय :- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते रहे।
मिथुन :- पराक्रम के कारक होकर राज्य भाव में।
नेतृत्व क्षमता, राज्य सम्मान एवं पराक्रम में वृद्धि
आक्रामकता एवं सीने की तकलीफ में वृद्धि
पिता से सहयोग एवं सरकारी लाभ में वृद्धि
भाई, बहनों एवं मित्रो से लाभ में वृद्धि
कार्य स्थल पर प्रतिभा के प्रतिफल में वृद्धि
उपाय :- लाल रोली रविवार को सूर्य देव को चढ़ाते रहे।
कर्क :- धन के कारक होकर भाग्य भाव में।
सामाजिक पद प्रतिष्ठा एवं पराक्रम में वृद्धि
वाणी व्यावसाय से लाभ एवं भाग्य में वृद्धि
पारिवारिक सदस्यों के सहयोग एवं कार्यो में प्रगति
नौकरी एवं व्यावसायिक विस्तार की स्थिति बनेगी
भाई बंधुओं मित्रों के सहयोग सानिध्य में वृद्धि
उपाय :- पिता की सेवा करें। उनके आदेश का पालन करें।
सिंह :- लग्न के कारक होकर अष्टम भाव में।
मनोबल एवं व्यक्तित्व में अचानक कमी महसूस
कार्य क्षमता एवं स्वास्थ्य को लेकर के तनाव संभव
वाणी की तीव्रता एवं धनागम में वृद्धि
मन में अदृश्य है भय एवं डर की स्थिति संभव
पेट,आंख एवं दांत की समस्या को लेकर सतर्क रहें
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।
कन्या :- व्यय के कारक होकर सप्तम भाव में।
दैनिक आय को लेकर तनाव एवं सरकारी लाभ
जीवन साथी के स्वास्थ्य एवं यात्रा खर्च में वृद्धि
प्रेम संबंध एवं दांपत्य जीवन में तनाव की स्थिति
साझेदारी के कार्यों को लेकर के विवाद संभव
मन में झल्लाहट संभव स्वास्थ्य पर ध्यान दें
उपाय :- सूर्य को नियमित जल रोली डालकर देते रहे।
तुला :- लाभ के कारक होकर षष्ट भाव में।
रोग कर्ज एवं शत्रु पराजित होंगे
प्रतियोगिता में विजय की स्थिति अच्छी
यात्रा खर्च एवं भोग पर खर्च बढ़ेगा
आय एवं लाभ के लिए ज्यादा संघर्ष संभव
पिता के स्वास्थ्य एवं स्वयं के आंखों का ध्यान दें
उपाय :- सूर्य को जल देते रहे एवं पिता का सम्मान करें।
वृश्चिक :- राज्य के कारक होकर पंचम भाव में।
आय एवं व्यापारिक लाभ के साधनों में वृद्धि
मातृ , पितृ सुख एवं सरकारी लाभ में वृद्धि
जमीन जायदाद एवं पारिवारिक कार्यो में वृद्धि
राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ
सम्मान, परिश्रम एवं संतान पक्ष से लाभ में वृद्धि
उपाय :- माणिक्य रत्न धारण करें।
धनु :- भाग्य के कारक होकर सुख भाव में।
भाग्य में वृद्धि, कार्यो में प्रगति
घर वाहन एवं जायदाद के सुख में वृद्धि
सरकारी लाभ एवं सरकारी जनों से लाभ की स्थिति
सम्मान, व्यक्तित्व,नेतृत्व एवं कार्य क्षमता में वृद्धि
पिता से लाभ एवं माता के स्वास्थ्य की चिंता सम्भव
उपाय :- मूल कुण्डली के अनुसार माणिक्य धारण करें।
मकर :- अष्टम के कारक होकर पराक्रम भाव में।
पराक्रम सम्मान एवं आक्रामकता में वृद्धि
भाई बंधुओं मित्रों को लेकर तनाव की संभावना
कार्यों में अवरोध एवं भाग्य में अवरोध संभव
गले एवं कंधों में कष्ट की संभावना बन सकती
पारिवारिक कार्यों एवं पिता के स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ेगा
उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चन्दन श्री राम मंदिर में रविवार को चढ़ाते रहे।
कुम्भ :- सप्तम के कारक होकर धन भाव में।
धन,आय एवं लाभ के संसाधनों में वृद्धि
वाणी की तीव्रता एवं व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि
नयी साझेदारी, नया व्यापारिक संबंध स्थापित
सरकारी लाभ या सरकारी तंत्र से लाभ में वृद्धि
दाम्पत्य जीवन, प्रेम संबंधों में लाभ की स्थिति
उपाय :- सूर्य देव की नियमित जल देते रहें।
मीन :- षष्ट के कारक होकर लग्न भाव में।
मानसिक एवं शारीरिक कष्ट में वृद्धि
झल्लाहट एवं कार्यों में अवरोध की स्थिति
दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों को लेकर के तनाव
नए व्यापारिक संबंध एवं साझेदारी से बचें
पिता के स्वास्थ्य एवं किसी सरकारी व्यक्ति से तनाव
उपाय :- लाल रोली, लाल फल, लाल चंदन रविवार के दिन श्रीराम मंदिर में नियमित दान करते रहें।