वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व माना जाता है। दिशाओं के हिसाब से ही कार्य करना वास्तु में शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र कहता है कि अगर दिशा के अनुसार काम किया जाये तो इससे कई अशुभ परिणाम नजर आने लगते हैं। इसी कड़ी में हमारा सोना भी आता है। यानी कि हमें किस दिशा में पैर करके सोना चाहिए और किस दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए, इसका ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर किस दिशा में पैर करके सोने से बचना चाहिए।
किस दशा में पैर करके सोने से बचें? वास्तु शास्त्र में ऐसा बताया गया है कि दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए। इसके पीछे का धार्मिक कारण कहता है कि दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है। शास्त्रों के अनुसार, जब किसी के प्राण यमराज हरते हैं तो उस व्यक्ति की आत्मा पैरों के माध्यम से ही शरीर त्यागती है।
ऐसे में अगर दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोया जाए तो यह इस बात का संकेत है कि आप पर यम का ख़तरा मंडरा रहा है। अकाल मृत्यु जैसे भयंकर योग का निर्माण भी हो सकता है। इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि दक्षिण में पैर करके सोने से घर में बीमारी आती है। दक्षिण दिशा किसी भी कार्य के लिए अशुभ मानी जाती है, फिर चाहे वह इस दिशा में पैर करके सोना ही क्यों न हो। इसके अलावा, दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से जुड़ा एक तथ्य और भी है। शास्त्रों के अनुसार, असल में दक्षिण दिशा में पूर्वज यानी कि पितरों का भी वास होता है।
ऐसे में दक्षिण दिशा में पैर करके सोना पितरों के अपमान के समान है। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से पितृ नाराज होते हैं और आपको एवं परिवार को कष्ट पहुंचाते हैं। इस दिशा में पैर करके सोना पितृ दोष को भी जन्म देता है। इसलिए इस दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए।