इस तरह करें विनायक चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा -अर्चना

हर माह के शुक्ल पक्ष को चतुर्थी आती है जिसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है।

Update: 2021-03-16 06:08 GMT

हर माह के शुक्ल पक्ष को चतुर्थी आती है जिसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन के साथ भगवान गणेश की पूजा करता है उस पर गणेश जी की विशेष कृपा बनी रहती है। इन्हें गणपति बप्पा, एकदंत, गजानन, लम्बोदर, मंगलमूर्ति, चतुर्भुज, हेरम्ब, कृपाकर आदि जैसे कई नामों से भी पुकारा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस तिथि पर गणेश की पूजा करने का महत्व बेहद विशेष होता है। आइए जानते हैं जानें पूजा-विधि।

विनायक चतुर्थी पर इस तरह करें पूजा:
इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नानादि कर लें। फिर गणेश जी के समक्ष हाथ जोड़ें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद बप्पा की पूजा करें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।
गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से स्नान कराएं और फिर उन्हें चौकी पर स्थापित कर दें।
फिर उनके सामने धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
अगर गणेश जी को इस दिन तिल से बनी चीजें अर्पित की जाएं तो शुभ होता है। साथ ही लड्डू और मोदक उन्हें बहुत प्रिय है तो इन्हें भी अर्पित करें।
इसके बाद शाम के समय एक बार और स्नान करें। साफ कपड़े पहनकर गणेश जी के सामने धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य अर्पित करें।
गणेश जी को लाल पुष्प चढ़ाएं। साथ ही अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली भी चढ़ाएं। इसके बाद मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल को अर्पित करें।
फिर गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी का जाप करें।
फिर कथा सुनें और आरती करें।

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