साल 2021 में इन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या, जानें परिणाम और उपाय

शनि देव 2021 में मकर राशि में हैं। इस साल तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और दो पर ढैय्या चल रही है

Update: 2021-04-15 13:04 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  शनि देव 2021 में मकर राशि में हैं। इस साल तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और दो पर ढैय्या चल रही है। धनु, मकर और कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती चल रही है और मिथुन, तुला राशि में शनि की ढैय्या चल रही है।

शनि की साढ़ेसाती-
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्र राशि से शनि जब 12वें भाव, पहले और द्वितीय भाव से निकलते हैं। इस अवधि को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है।
शनि ढैय्या-
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब गोचर में शनि किसी राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होता है तो इस स्थिति को शनि ढैय्या कहा जाता है।
धनु राशि में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का ये आखिरी चरण हैं। इस राशि में शनि की साढ़ेसाती को आर्थिक दृष्टि से अच्छा माना जा सकता है।
नौकरी व व्यापार में देखने को मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
वाहन ध्यान से चलाएं।
उपाय-
शनि की साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शमि के वृक्ष की जड़ को काले करड़े में पिरोकर शनिवार की शाम दाहिने हाथ में बांध लें।
ऊॅं प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्वराय नम: मंत्र का जप करें।
मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव
इस समय शनि देव मकर राशि में ही विराजमान हैं। मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।
शनि के प्रभाव से स्थान परिवर्तन हो सकता है।
मान- सम्मान में वृद्धि होगी।
कार्यों में रुकावटें नहीं आएंगी।
करियर में बदलाव भी हो सकता है।
उपाय-
शनि की साढ़ेसाती के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा- अर्चना करें।
शिव उपासना करें, नियमित शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करें।
कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव...
कुंभ राशि में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है।
साढ़ेसाती के प्रभाव से जिम्मेदारियां बढ़ेंगी।
काम की अधिकता से आप परेशान भी हो सकते हैं।
मेहनत करने से कार्यों मे सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे।
धन- लाभ भी हो सकता है।
उपाय-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सबसे सरल और आसान उपाय है हनुमान जी की पूजा। हनुमान जी की उपासना करने से शनि के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है।
शनिवार के दिन शनि देव को नीले रंग का अपराजिता फूल अर्पित करें।
महाराज दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।
शनिवार या अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि देव का ध्यान करें।


Tags:    

Similar News

-->