मार्गशीर्ष मास में करें सूर्य देव सहित इन देवी-देवता की पूजा, होगी पुण्य की प्राप्ति

Update: 2022-11-30 06:30 GMT

हर मास किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है। इसी तरह अगहन मास भगवान सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास में सूर्यदेव के साथ तुलसी पूजा मां लक्ष्मी के साथ इन देवताओं की पूजा करना शुभ होगा।

नई दिल्ली, Margashirsha Month 2022: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष मास का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास 9 नवंबर से लेकर 8 दिसंबर तक है। इस मास में भगवान सूर्य की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मार्गशीर्ष माह में तुलसी पूजा के साथ कुछ देवी देवता की पूजा करना फलदायी माना जाता है। जानिए अगहन मास में किन देवी-देवता की पूजा करने से सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति।

सूर्य देव की पूजा

अग्नि पुराण के मुताबिक, मार्गशीर्ष मास में सूर्य देव की वरुण नाम से पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि अगहन मास में रोजाना सूर्यदेव का अर्घ्य देने के साथ फूल, माला और भोग लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति हर तरह की बीमारियों से दूर रहता है।

मां लक्ष्मी की पूजा

मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाले हर शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि अगहन मास में मां लक्ष्मी धरती में आती हैं और अपने भक्तों को धन-वैभव का आशीर्वाद देती हैं। मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के साथ लाल रंग का फूल जरूर अर्पित करें।

भगवान कृष्ण की पूजा

मार्गशीर्ष मास में भगवान कृष्ण के केशव स्वरूप की पूजा करने का विधान है। केसव रूप की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान कृष्ण के केशव स्वरूप को प्रसन्न करने के लिए दूध में थोड़ी सी केसर डालकर अभिषेक करें।

तुलसी पूजा

शास्त्रों के अनुसार नियमित रूप से तुलसी जी की पूजा करने से सुख फलों की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष मास में सुबह के समय तुलसी जी को जल चढ़ाने के साथ विधिवत पूजा करें और शाम को घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी के साथ विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है।


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