Religion Spirituality: हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीनाmonth बहुत शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसकी शुरुआतbeginning हो चुकी है। इसके साथ ही इस महीने का समापन 21 जुलाई को होगा। भक्तों के अनुसार इस काल में भगवान विष्णु की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक इस दौरान तामसिक आदतों से दूर रहता है और धार्मिक कार्यों से जुड़ा रहता है, उसका जीवन सुखमय रहता है। सनातन धर्म में आषाढ़ का महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है। हिंदू कैलेंडर का यह चौथा मास है। इस महीने भगवान विष्णु के साथ भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। इस साल आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून, 2024 से हो सकती है। इसी प्रकार, इसका समापन 21 जुलाई, 2024 को होगा। धार्मिक दृष्टि से इस मास (आषाढ़ माह 2024) मेंमानी जाती है, जिसे करने से बेल के पेड़ की पूजा बहुत फलदायी सुख-संपत्ति सहित कई भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, तो आइए जानते हैं बेल के पेड़ की पूजा कैसे की जाती है?प्रात: स्नान करके साफ कपड़े धारण करें। मंदिर को साफ करें। देवी-देवताओं की पूजा के बाद बेल की पूजा करें। बेलपत्र पर दूध जल चढ़ाएं। उसपर चंदन का लेप लगाया। इसकी विशेषताएँ देसी घी का दीपक जलाएं और कलावा बांधें। उसके सामने 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप भाव के साथ करें। फल, मिठाई अन्य सात्विक आदतों का भोग लगाया। अंत में आरती करें। कलावा बांधते हुए बेल के पेड़ की 11 बार परिक्रमा करें। तामसिक चीजों से दूर रहें। शिव जी का ध्यान अवश्य करें। पूजा के बाद बुजुर्गों को भोजन खिलाएँ। शिव के नाम से दान-दक्षिणा करें। सात्विकता का पालन करें। ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात।। ॐ ह्रीं कार्तवीर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान्। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नेय्यं च लभ्यते।।