जुलाई में शनि चलेंगे उल्टी चाल, कुंभ और मकर समेत ये राशि वाले जरुर करें ये काम

जुलाई में शनि अपनी वक्री चाल चलेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वक्री चाल का अर्थ किसी भी ग्रह की उल्टी चाल से होता है

Update: 2021-07-05 07:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जुलाई में शनि अपनी वक्री चाल चलेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वक्री चाल का अर्थ किसी भी ग्रह की उल्टी चाल से होता है। शनि की वक्री चाल का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा। हालांकि शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वालों को अधिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।

शनि की साढ़े साती महादशा एक साथ तीन राशियों पर चलती है। शनि की साढ़े साती महादशा के तीन चरण होते हैं। पहले चरण मे जातक को शारीरिक, दूसरे चरण में आर्थिक और तीसरे चरण में शनि पहले दोनों चरणों की भरपाई करते हैं।
ये राशियां शनि की महादशा की चपेट में-
वर्तमान में शनि साढ़े साती से धनु, मकर और कुंभ राशि पीड़ित हैं। धनु राशि वालों पर शनि की महादशा का अंतिम चरण चल रहा है। जबकि मकर राशि वालों पर शनि का दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर शनि का पहला चरण चल रहा है।
शनि ढैय्या इन राशियों पर चल रही-
मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। शनि ढैय्या की कुल अवधि ढाई साल की होती है। शनि हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की स्थिति कुंडली में मजबूत होने पर शनि ढैय्या शुभ फलदायी होती है और शनि कमजोर स्थिति में होते हैं तो इस दौरान जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है।
शनि की महादशा से पीड़ित राशि वाले करें ये उपाय-
शनि ढैय्या के दौरान व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए।
इस दौरान दोस्ती करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
हर दिन चिड़ियों को पानी और दाना खिलाना चाहिए।
इसके अलावा चीटियों को मीठा खिलाने से भी लाभ होता है।
काली उड़द, काले वस्त्र, तिल आदि का दान करना चाहिए।
शनि ढैय्या के दौरान मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए। पी
पल के वृक्ष के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।


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