घर में अगर करते हैं लड्डूगोपाल की पूजा तो इन नियमों का ध्‍यान रखना बेहद जरूरी

हिंदू धर्म की मान्‍यताओं में भगवान कृष्‍ण का एक विशेष स्‍थान है।

Update: 2021-05-13 15:51 GMT

हिंदू धर्म की मान्‍यताओं में भगवान कृष्‍ण का एक विशेष स्‍थान है। हर घर में इनकी पूजा होती हैं। कहीं इन्‍हें लड्डू गोपाल के रूप में पूजा जाता है तो कहीं इनकी पूजा का कान्‍हाजी के रूप में होती है। लड्डू गोपालजी को भगवान कृष्‍ण का बाल रूप माना जाता है, जिनकी सेवा ठीक उसी प्रकार से की जाती है जैसे कोई अपने नवजात शिशु को पाल-पोसकर बड़ा करता है। अगर लड्डू गोपालजी आपके भी घर में विराजते हैं तो आपके लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन नियमों के बारे में…

प्रथम तो यह बात मन में बैठाना बहुत आवश्यक है कि जिस भी घर में लड्डू गोपाल जी का प्रवेश हो जाता है वह घर लड्डू गोपाल जी का हो जाता है, इसलिए अपने मन से यह भाव निकाल दें कि यह मेरा घर है, क्‍योंकि अब वह लड्डू गोपालजी का घर है।
लड्डू गोपालजी अब आपके परिवार के सदस्य हैं, सत्य तो यह है कि अब आपका परिवार लड्डू गोपालजी का परिवार है। अतः लड्डू गोपालजी को परिवार के एक सम्मानित सदस्य का स्थान प्रदान किया जाए।
परिवार के सदस्यों की आवश्यक्‍ताओं के अनुसार ही लड्डू गोपालजी की सभी चीजों का भी ख्‍याल रखना चाहिए।
लड्डू गोपालजी किसी विशेष तामझाम के नहीं आपके प्रेम और आपके भाव के भूखे हैं, अतः उनको जितना प्रेम जितना भाव अर्पित किया जाता है वह उतने आपके अपने हो जाते हैं।
प्रतिदिन प्रातः लड्डू जी को स्नान अवश्य कराएं, किन्तु स्नान कराने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस प्रकार घर का कोई सदस्य सर्दी में गर्म पानी व गर्मी में ठंडे पानी से स्नान करता है, उसी प्रकार से लड्डू गोपालजी के स्नान के लिए मौसम के अनुसार पानी का चयन करें, स्नान के बाद प्रतिदिन धुले स्वस्छ वस्त्र पहनाएं।
जिस प्रकार आपको भूख लगती है उसी प्रकार लड्डू गोपालजी को भी भूख लगती है अतः उनके भोजन का ध्यान रखें। भोजन के अतिरिक्त, सुबह का नाश्ता और शाम के चाय नाश्ते आदि का भी ध्यान रखें। घर में कोई भी खाने की वस्तु आए तो लड्डू गोपालजी का हिस्सा भी उसमें अवश्य होना चाहिए।
प्रत्येक मौसम के अनुसार लड्डू गोपाल जी के लिए सर्दी-गर्मी से बचाव का प्रबंध करना चाहिए। मौसम के अनुसार ही उन्‍हें भी वस्त्र पहनाने चाहिए।
लड्डू गोपालजी को खिलौने बहुत प्रिय हैं उनके लिए खिलौने अवश्य लेकर आएं और उनके साथ खेलें भी। समय-समय पर लड्डू गोपालजी को बाहर घुमाने भी अवश्य लेकर जाएं।
जैसे परिवार के सभी सदस्‍यों का आपस में एक-दूसरे से कोई रिश्‍ता होता है। वैसे ही लड्डू गोपालजी से भी कोई नाता बनाएं। मित्र का या फिर भाई का या फिर कोई और रिश्‍ता भी बना सकते हैं। अपने लड्डू गोपाल जी को कोई प्यारा सा नाम अवश्य दें।
प्रतिदिन रात्रि में लड्डू गोपालजी को शयन अवश्य कराएं, जिस प्रकार एक छोटे बालक को प्रेम से सुलाते हैं उसी प्रकार से उनको भी सुलाएं, थपथाएं, लोरी सुनाएं।
यूं तो प्रत्येक जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल जी की पूजा धूम-धाम से होती है, किन्तु यदि आपको वह तिथि पता है जिस दिन लड्डू गोपाल जी ने घर में प्रवेश किया तो उस तिथि को लड्डू गोपाल जी के जन्म दिन के रूप में मान कर प्रति वर्ष उस तिथि में उनका जन्म दिन अवश्य मनाएं , बच्चों को घर बुला कर उनके साथ लड्डू जी का जन्म दिन मनाएं और बच्चों को खिलौने वितरित करें।
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