नवरात्रि के मौके पर अपनों को शुभकामनाएं देनी हो तो देवी के शक्तिशाली मंत्रों के वॉलपेपर का करें शेयर

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। नवरात्रि के पावन दिनों में माता दुर्गा धरती पर आती हैं और जो भी भक्त माता को बुलावा देते हैं

Update: 2022-03-31 03:16 GMT

नवरात्रि के मौके पर अपनों को शुभकामनाएं देनी हो तो देवी के शक्तिशाली मंत्रों के वॉलपेपर का करें शेयर  

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है। नवरात्रि के पावन दिनों में माता दुर्गा धरती पर आती हैं और जो भी भक्त माता को बुलावा देते हैं, उनके घर पर नौ दिन के लिए वास करती हैं। इन नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन कलश स्थापना कर देवी का घर में स्वागत किया जाता है। उपवास रखा जाता है और माता की उपासना की जाती है। लोगों के घर और मंदिरों में भजन कीर्तन होते हैं। परिवार के लोग एक साथ मिलकर माता की सुबह शाम आरती गाते हैं और माता को भोग लगाकर सात्विक भोजन का सेवन करते हैं। नवरात्रि के पावन दिनों में पूजा के दौरान देवी मां के पवित्र मंत्रो का जाप भी करना चाहिए। ऐसे में इस नवरात्रि के मौके पर अपनों को शुभकामनाएं देनी हो तो देवी के शक्तिशाली मंत्रों के वॉलपेपर शेयर करें, ताकि हर दिन आपके परिजन और दोस्त भी मां के मंत्रों का उच्चारण कर सकें।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।
शुभ नवरात्रि
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
शुभ नवरात्रि
ॐ ह्रीं उमा देव्यै नम:।
शुभ नवरात्रि
ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम: ।
शुभ नवरात्रि
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
शुभ नवरात्रि
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
शुभ नवरात्रि
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
शुभ नवरात्रि
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात।
शुभ नवरात्रि
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शुभ नवरात्रि
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