भगवान शिव की कृपा पाना चाहते है तो इन मंदिरों में जरूर करें दर्शन

सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-उपासना भक्तिभाव से की जाती है।

Update: 2022-07-21 10:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।   सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-उपासना भक्तिभाव से की जाती है। इसके लिए विशेष तैयारी की जाती है। मंदिर और मठों को सजाया जाता है। चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल रहता है। वहीं, बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दरबार जल लेकर पहुंचते हैं। बाबा का जलाभिषेक कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके लिए श्रद्धालु बाबा का दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इन मंदिरों की धार्मिक यात्रा करें। आइए जानते हैं-

बैजनाथ बाबा धाम, देवघर
बैजनाथ बाबा धाम को बाबा की नगरी कहा जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु सावन के महीने में बाबा धाम पहुंचते हैं। हालांकि, सावन के महीने में बाबा धाम में भीड़ रहती है। इसके लिए यातायात के नियमों और सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन जरूर करें। बैजनाथ बाबा धाम बारह ज्योतिर्लिंग में एक है। आप बाबा के दर्शन हेतु बैजनाथ बाबा धाम जा सकते हैं।
मुरूदेश्वर
अगर आप सावन के महीने में दक्षिण भारत की धार्मिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो कर्नाटक की सैर करें। कर्नाटक स्थित उत्तर कन्नड़ जिले में है। भगवान शिव को स्थानीय भाषा में मुरुदेश्वर कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो भगवान शिव का एक नाम मुरुदेश्वर है। इस मंदिर में भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह मंदिर मंगलुरु से 165 किलोमीटर दूर है। आप अपने परिवारजनों के साथ मुरूदेश्वर मंदिर बाबा के दर्शन हेतु जा सकते हैं।
हर की पौड़ी
हर की पौड़ी को हरि की पौड़ी भी कहा जाता है। इस स्थल पर गंगा धरती पर आती है। हर की पौड़ी में एक पत्थर में भगवान श्रीहरि विष्णु के पदचिन्ह हैं। अतः इस घाट को हर की पौड़ी कहा जाता है। हरि की पौड़ी में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 100 फीट है। गंगा किनारे से भी बाबा के दर्शन हो जाते हैं। इसके अलावा, बाबा के दर्शन और आशीर्वाद पाने हेतु सोमनाथ, विश्वनाथ, रामेश्वरम, महाकालेश्वर, त्र्यंबकेश्वर आदि मंदिरों की भी यात्रा कर सकते हैं।
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