करियर में सफलता पाना चाहते है तो आचार्य चाणक्य के बताए इन 4 आदतों को जरूर विकसित करें

सैकड़ों साल बीत जाने के बाद भी चाणक्य नीति की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आयी है.

Update: 2022-05-24 03:11 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सैकड़ों साल बीत जाने के बाद भी चाणक्य नीति की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आयी है. चाणक्य नीति में लिखी हर बात आचार्य अनुभवों का निचोड़ बताया जाता है. अगर आप जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आचार्य के बताए इन गुणों को खुद में विकसित जरूर करें.

अफलता का डर त्यागें : आचार्य चाणक्य का मानना था कि किसी काम को शुरू करने के बाद असफलता से नहीं घबराना चाहिए. असफलता आपको आपकी गलतियों का आभास कराती है और आपके सीखने की प्रक्रिया का ही हिस्सा होती है. इसलिए असफलता से अपनी गलतियों को समझिए, उसे सुधारिए और फिर से प्रयास कीजिए.
प्रश्न जरूर पूछें : सीखने के दौरान आपके मन में अगर को जिज्ञासा है या प्रश्न है, तो उसे पूछने में किसी तरह का संकोच न करें. जो लोग सवाल पूछने में हिचकिचाते हैं, वो अधूरा ज्ञान ही प्राप्त कर पाते हैं. ऐसे में सफलता की संभावना को वो खुद ही कम कर देते हैं. इसलिए जो सवाल मन में है, उसे जरूर पूछें.
आलस का त्याग करें : आलस सफलता पाने के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है. इसलिए आलस का पूरी तरह से त्याग करें. यदि कुछ प्राप्त करना है तो अपने लिए कुछ नियम बनाएं और उन नियमों का पालन करें. आलस करने वाला व्यक्ति सिर्फ स्थितियों को टालने का काम करता है. ऐसे में वो कभी अपने लक्ष्य के प्रति पूरे प्रयास नहीं कर सकता और अगर प्रयास नहीं होंगे, तो लक्ष्य भी हासिल नहीं होगा.
क्रोध को त्याग दें : जो लोग क्रोध करते हैं, वो भी अपने लिए स्वयं ही समस्या उत्पन्न करते हैं. ऐसे लोग क्रोधवश कई बार गलत निर्णय ले लेते हैं और आता हुआ अवसर भी गवां देते हैं. इसलिए क्रोध का पूरी तरह से त्याग कीजिए.
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