दर्श अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत और पूजा करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही इस दिन उगते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देने और गंगा स्नान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि दर्श अमावस्या के दिन पितर स्वर्ग से धरती पर उतरते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हैं. इसलिए इस दिन पितरों का तर्पण किया जाता है. दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.
दर्श अमावस्या का है विशेष महत्व (Darsh Amavasya 2023)
– पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान करके तर्पण करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं. और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे आपके जीवन में सुख, समृद्धि और समृद्धि आती है.
– जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है. उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखकर चंद्रदेव से प्रार्थना करना चाहिए. यह उन्हें भाग्यशाली बनाता है.
– धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि अमावस्या के दिन भूत-प्रेत और आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं. इसलिए अमावस्या के दिन बुरे कर्मों से दूर रहना चाहिए. तथा धार्मिक कार्यों में विशेष महत्व दें.
– दर्श अमावस्या के दिन व्रत और पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. ऐसे में इस दिन स्नान करना और अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को दान देना शुभ माना जाता है. इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.