शत्रु​ओं को परास्त करना चाहते हैं तो आचार्य की बताई गई इन 4 बातों को हमेशा याद रखें

चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु को परास्त करना है तो हमेशा शत्रु के दिमाग से सोचना चाहिए.

Update: 2021-08-25 02:18 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु को परास्त करना है तो हमेशा शत्रु के दिमाग से सोचना चाहिए. स्वयं को ताकतवर समझकर निश्चिंत होकर बैठ जाना मूर्खता होती है. शत्रु दो तरह के होते हैं, एक वो जो सामने से वार करते हैं और दूसरे जो छिपकर और मौका देखकर वार करते हैं. आपको दोनों से ही सतर्क रहने की जरूरत है. इ​सलिए अगर आप अपने शत्रु​ओं को परास्त करना चाहते हैं तो आचार्य की बताई इन 4 बातों को हमेशा याद रखें.

1. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी ताकत के नशे में इतने चूर हो जाते हैं, कि शत्रु को अपने आगे कुछ नहीं समझते. इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि शत्रु अगर आपसे कमजोर है, तो वो आपको दबोचने का सही मौका तलाश करेगा. इसके लिए वो हर वक्त आप पर अपनी नजर बनाकर रखेगा और मौका देखते ही वार कर देगा. अगर शत्रु को परास्त करना है तो कभी शत्रु को कमजोर न समझें.
2. कुछ लोग अपनी वाहवाही में इतना कुछ बोल जाते हैं, कि अपनी ही प्लानिंग पर पानी फेर लेते हैं. शत्रु के मामले में हमेशा ध्यान रखें कि काम जितना गुप्त तरीके से होगा, उतना ही उसके सफल होने की संभावना होगी. इसलिए अपनी योजना की चर्चा सिर्फ चंद विश्वासपात्रों के साथ ही करें, हर किसी के साथ नहीं. यदि इस मामले में आपने सतर्कता नहीं बरती तो शत्रु आपकी योजना का लाभ उठाकर आप ही को परास्त कर देंगे.
3. यदि आप किसी की बुराई करते हैं, या सुनते हैं, तो इसका सीधा अर्थ है कि आप उस व्यक्ति को पसंद नहीं करते. ऐसे मामलों में शत्रु को लाभ मिलता है और वो आपके खिलाफ हुए लोगों को अपनी तरफ मिलाने का प्रयास करता है. इसलिए न किसी की बुराई करें और न ही सुनें.
4. अपने संबन्धों में हमेशा अनुशासन बनाकर रखें. अपनी मर्यादा को कभी लांघने का प्रयास न
करें वर्ना शत्रु को इसका फायदा मिलता है और वो मौका पाकर आपको नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं.


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