महाभारत के कई ऐसे पात्र हुए है जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं और उन्हें प्रेरणा स्तोत्र के तौर पर देखते हैं इन्हीं मुख्य पात्रों में एक पात्र महात्मा विदुर का भी है। महात्मा विदुर कुशल, बुद्धिमान और एक विद्वान के तौर पर जाना जाता है।
जिनकी नीतियां दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आपको बता दें कि विदुर जी की नीति वैसे तो राजनीति पर आधारित मानी जाती है लेकिन व्यक्ति अपने दैनिक जीवन दमें इसका व्यापक रूप उपयोग कर सकता है। जो मनुष्य के जीवन को सरल बनाने में सहायता करती है। विदुर नीति अनुसार अगर मनुष्य को जीवनभर सुखी रहना है तो उसे कुछ बातों का अनुसरण करना होगा। तो आज हम आपको इसी विषय पर विदुर नीति के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते है।
आज की विदुर नीति—
विदुर नीति अनुसार किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले सोच विचार करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि अधूरे मन से किया गया कार्य कभी पूरा फल प्रदान नहीं करता है और ऐसे में व्यक्ति सफलता से दूर रहता है अगर आप कार्यों में सफलता चाहते हैं तो उसे पूरे मन के साथ करें। इसके अलावा मनुष्य को उन लोगों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। जो विश्वास के लायक नहीं है। लेकिन जो लोग भरोसे के लायक है आप उन पर हद से ज्यादा भरोसा कर सकते है।
जिन लोगों की इज्जत की जाती है वह कभी खुशी से खिलते नहीं है और ना ही अनादर होने पर वे क्रोधित होते है। ऐसे लोगों को ही ज्ञानी कहा जाता है। विदुर नीति अनुसार काम, क्रोध और लोग व्यक्ति का नाश कर सकता है ऐसे में इनसे दूरी बनाए रखें। जो लोग अच्छे कर्म करते हैं और बुरे कर्मों से दूर रहते हैं वे ही विद्वान कहलाते है। विदुर नीति कहती है कि जो बलवान होने के बाद भी दूसरों को क्षमा करता है और गरीब होने पर भी दान दे सकता है उसे स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है और ऐसे लोग हमेशा ही सुखी रहते है।