आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक माना जाता है इनकी नीतियां दुनियाभर में प्रसिद्ध है। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया है जिसका अनुसरण अगर कोई मनुष्य कर लेता है तो उसका पूरा जीवन सरल और सहज हो जाता है। आचार्य चाणक्य ने हर विषय पर नीतियों का निर्माण किया है।
चाणक्य ने धन को लेकर भी कुछ अहम बातें बताई हैं चाणक्य नीति अनुसार गलत तरीके से कमाया गया है अधिक वक्त तक व्यक्ति के पास नहीं टिकता है और ऐसे धन कमाने वाले व्यक्ति की बर्बादी भी तय होती है तो आज हम आपको इसी विषय पर चाणक्य नीति के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते है।
धन से जुड़ी चाणक्य नीति—
आचार्य चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी चंचल होती है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा देकर धन कमाता है। तो ऐसा धन शीघ्र ही नष्ट हो जाता है इसलिए कभी भी गलत तरीके से धन अर्जित नहीं करना चाहिए इसके अलावा निर्धनता, रोग, दुख, बंधन और बुरी आदतें ये सभी मनुष्य के कर्मों के अनुसार उसे प्राप्त होती है।
चाणक्य नीति कहती है जो जैसा करता है उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है ऐसे में व्यक्ति को हमेशा ही अच्छे कर्म को अपनाना चाहिए। नीति अनुसार किसी भी मनुष्य को धनहीन नहीं समझना चाहिए क्योंकि व्यक्ति अज्ञान से हीन होता है न कि धन से। जो लोग विद्या के रत्न से हीन होते हैं असल में वे ही सभी तरह की सुख सुविधाओं से हीन माने जाते है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा ही विद्या प्राप्ति के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।