एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर आपने ये कार्य कर लिया तो मिलेशा प्रभु आशीर्वाद

Update: 2024-05-26 05:39 GMT
नई दिल्ली: भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें बल और बुद्धि का देवता माना जाता है। हर शुभ या मांगलिक कार्य से पहले इनकी पूजा की जाती है। चतुर्थी तिथि गणपति बप्पा को समर्पित है, जो हर महीने में दो बार आती है। कृष्ण और शुक्ल पक्ष में. मई में एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी, जिसका विशेष महत्व है। इस दिन पूजा और व्रत करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। बप्पा भक्तों के हर कष्ट दूर करते हैं. जानिए इस बार कब मनाई जाएगी एकदंत संकष्टी चतुर्थी...
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एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई को सुबह 06 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी। इसकी समाप्ति 27 मई को सुबह 04 बजकर 53 मिनट पर होगी. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का पर्व और शुभ मुहूर्त 26 मई को ही रहेगा। संकष्टी का चंद्रोदय रात 09 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस दिन भक्त बप्पा के लिए व्रत रखेंगे और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान श्रीगणेश की कृपा से सुख-समृद्धि आती है।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देवता हैं। मान्यता है कि एकदंत संकष्टी चौथ की पूजा और व्रत करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनके जीवन को सुखी बना देते हैं। इस पूजा और व्रत से मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें
1. एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
2. पूजा घर के उत्तर-पूर्व कोने में चौकी पर लाल-पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश को स्थापित करें।
3. पूजा और व्रत का संकल्प लें और भगवान गणेश को जल और फूल चढ़ाएं।
4. अब भगवान को फूलों की माला, दूर्वा की 11 या 21 गांठें चढ़ाएं।
5. अब सिन्दूर और अक्षत लगाएं और मोदक और फल चढ़ाएं।
6. जल चढ़ाने के बाद घी का दीपक और धूप जलाएं।
7. भगवान गणेश का ध्यान करें।
8. पूरे दिन उपवास करें, सूर्यास्त से पहले भगवान की पूजा करें।
9. चंद्र देव के दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें और व्रत खोलें।
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