नई दिल्ली : सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। दीपक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि पूजा के दौरान सुबह और शाम दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास का आगमन होता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो दीपक की लौ से कई प्रकार के संकेत मिलते हैं, जिससे जातक की किस्मत चमक सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
मिलते हैं ये संकेत
अगर दीपक जलने के बाद उसमें फूल की आकृति बनती है, तो इसका मतलब है यह है कि आप जिस भगवान की उपासना कर रहे हैं। उनतक आपकी प्रार्थना पहुंच गई है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा। साथ ही जीवन में कोई खुशखबरी मिलने वाली है।
अगर दीपक की लौ ऊंची है, तो यह शुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब यह है कि आपकी पूजा स्वीकार हो गई है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होगा।
इसके अलावा दीपक की लौ से त्रिशूल की आकृति बनने पर इस बात का संकेत मिलते हैं कि कार्यों में सफलता मिलने वाली है।
दीपक की पूरी बाती का जलना शुभ माना जाता है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि जातक को देवी-देवता का आशीर्वाद प्राप्त होने वाला है।
दीपक में बांसुरी या फिर मोर पंख की आकृति का बनना शुभ माना गया है। इसका मतलब यह है कि वैवाहिक जीवन में खुशियां आने वाली हैं। इन दोनों चीजों को भगवान श्री कृष्ण की प्रिय मानी गई हैं।
घी का दीपक जलाने से मिलते हैं ये लाभ
पूजा के दौरान घी का दीपक भी मुख्य रूप से जलाना जाता है। अगर आप पूजा के दौरान तुलसी में घी का दीपक जलाते हैं, तो इससे नकारात्मकता ऊर्जा और वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।