ओडिशा में इस जगह पिंड दान कर लिया तो कहीं और जाने की जरूरत नहीं, ऐसे प्लान बनाएं
लिया तो कहीं और जाने की जरूरत नहीं, ऐसे प्लान बनाएं
हिन्दू मान्यता के अनुसार पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान करना शुभ कार्य माना जाता है। इस साल देश भर में श्राद्ध पक्ष यानी पिंड दान 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर 2033 तक चलने वाला है।
श्राद्ध पक्ष के शुभ दिनों में कई लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में पिंड दान करने के लिए पहुंचते रहते हैं। जैसे-बोधगया, हरिद्वार, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और प्रयागराज में पिंड दान करने कई लोग पहुंचते रहते हैं।
लेकिन ओडिशा में भी एक ऐसी जगह है, जिसके बारे में बोला जाता है कि इस स्थान पर अगर कोई पिंड दान करता है, तो पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेख में ओडिशा की उसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं।
ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में होता है पिंड दान
ओडिशा की जिस जगह में पिंड दान करने का जिक्र कर रहे हैं, उस जगह का नाम पुरी है। पुरी पूरे विश्व में जगन्नाथ मंदिर के लिए फेमस है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस नगरी में देश के हर कोने से लोग पिंड दान करने के लिए पहुंचते हैं। महानदी और भार्गवी नदी किनारे पर मौजूद पुरी में पिंड दान करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
पुरी में पिंड दान करने का महत्व
पुरी शहर जिस तरह जगन्नाथ मंदिर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, ठीक उसी तरह यहां स्थित दो नदियों का संगम स्थल भी काफी फेमस है। महानदी और भार्गव नदी के किनारे पिंड दान होता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार पवित्र महानदी और भार्गव नदी जिस जगह मिलती है, उसे बेहद ही पवित्र स्थान माना जाता है। माना जाता है कि जो भी संगम स्थल पर पिंड दान करता है उनके पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।
संगम स्थल पर पिंड दान करने के बाद स्नान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि पौराणिक कथा के अनुसार पुरी भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
जगन्नाथ पुरी कैसे पहुंचें
देश के किसी भी हिस्से से पुरी पहुंचना काफी आसान है। इसके लिए आप ट्रेन, हवाई या सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं।
हवाई सफर- अगर आप हवाई यात्रा के माध्यम से द्वारका पहुंचना चाहते हैं, तो आप भुवनेश्वर हवाई अड्डा पहुंच सकते हैं। भुवनेश्वर हवाई अड्डा से टैक्सी, कैब या लोकल बस लेकर आसानी से पुरी पहुंच सकते हैं। भुवनेश्वर से पूरी की दूरी करीब 54 किमी है। (ओडिशा में घूमने की जगहें)
ट्रेन द्वारा- ट्रेन के माध्यम से आसानी से पुरी पहुंचा जा सकता है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई आदि देश के प्रमुख शहरों से पुरी के लिए ट्रेन चलती रहती है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि कई शहरों से द्वारका के लिए सीधी ट्रेनें भी चलती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा- पुरी ओडिशा के लगभग हर शहर से जुड़ा हुआ है। भुवनेश्वर, कट्टक और ब्रह्मपुर जैसे कई प्रमुख शहरों से पुरी जुड़ा हुआ है।
पुरी में ठहरने और खाने-पीने की जगहें
पुरी में ठहरने के लिए सस्ते से सस्ते कमरे आसानी से मिल जाते हैं। इसके लिए आप अनन्य पुरी होटल, जगन्नाथ गेस्ट हाउस, भुबन मोहन गेस्ट हाउस, राधिका बीच रिसॉर्ट और जगन्नाथ निवास में रूम बुक कर सकते हैं। इन होटल्स में 500-800 के बीच में एसी और नॉन एसी वाले कमरे आसान से मिल जाते हैं। आपको बता दें कि ये सभी होटल्स महानदी और भार्गव नदी संगम स्थल से कुछ ही दूरी पर मौजूद है।
पुरी में खाने-पीने की जगहों की कमी नहीं है। पुरी में ऐसे कई होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे, जहां आप 100-200 रुपये में पेट भरकर खाना सकते हैं। इसके लिए आप बंगाल रेस्टोरेंट, अग्रवाल वेज रेस्टोरेंट, रसोई रेस्टोरेंट, पुरी पेट पूजा रेस्टोरेंट और वाटिका रेस्टोरेंट जा सकते हैं।