माघ पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं तो पूजा के दौरान ये कथा जरूर पढ़ें
पूर्णिमा के व्रत को शास्त्रों में बहुत पुण्यदायी माना गया है. 16 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा तिथि है. अगर आप भी ये व्रत रखने जा रहे हैं तो यहां जानिए व्रत विधि और व्रत कथा के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima) तिथि को देवताओं की विशेष तिथि कहा गया है. वहीं माघ के महीने की पूर्णिमा और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि इस पूरे माघ मास में देवी देवता मनुष्य रूप में धरती पर मौजूद रहते हैं और गंगा स्नान, दान, पुण्य आदि करते हैं. पूर्णिमा के दिन स्वयं जगत के पालनहार भगवान विष्णु गंगा नदी में विद्यमान होते हैं. ऐसे में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के दिन गंगा स्नान का मोक्षदायी बताया गया है. इस दिन देवी और देवता भी धरती पर स्नान और दान करके अपने लोक में लौट जाते हैं. पूर्णिमा के व्रत को शास्त्रों में श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है. पूर्णिमा का व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और अनेक पाप नष्ट होते हैं. इस बार माघ मास की पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी को बुधवार के दिन पड़ेगी. अगर आप भी इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, यहां जानिए व्रत विधि और कथा (Magh Purnima Vrat Method and Katha).