चकला-बेलन खरीदने जा रहे हैं तो रखें इस बात का ध्यान
जब आप चकला बेलन खरीदने के लिए जाते हैं तो बिना कुछ सोचे समझे बस खरीद लेते हैं।
रसोई हर घर का अहम हिस्सा होती है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में रसोई का बड़ा ही महत्व माना गया है। माना जाता है मि रसोईघर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। जिस घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा रहती है उस घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती। ऐसे में घर की रसोई और रसोई में इस्तेमाल होने वाले हर सामन का हमारे जीवन पर अच्छा और बुरा दोनों असर पड़ता है।
चकला बेलन हर घर की रसोई में मिलता है। बिना इसके रोटी बनाना संभव नहीं होता। लेकिन रसोई में इस्तेमाल होने वाला चकला बेलन का वास्तु की दृष्टि से बहुत महत्व माना गया है। आज के आर्टिकल में हम आपको चकला-बेलन के कुछ ऐसे नियम बताने जा रहे हैं जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं। आइये जानते हैं चकला बेलन इस्तेमाल करते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए और उसका रखरखाव कैसे करना चाहिए।
कब खरीदें चकला बेलन
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आप लकड़ी का चकला-बेलन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ये नियम जरूर जान लें। जो लोग रोटी बनाने के लिए चकला बेलन खरीदना चाहते हैं वो ये जान लें कि, इसके लिए गुरुवार का दिन सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा आप बुधवार को भी लकड़ी से बना चकला-बेलन खरीद कर घर ला सकते हैं। लेकिन आप भूलकर भी शनिवार और मंगलवार के दिन चकला बेलन न खरीदें।
चकला-बेलन खरीदने जा रहे हैं तो रखें इस बात का ध्यान
जब आप चकला बेलन खरीदने के लिए जाते हैं तो बिना कुछ सोचे समझे बस खरीद लेते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि इन्हें खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आपको बता दें कि इस बात का जरूर ध्यान रखें कि चकला बेलन कहीं से भी ऊंचा नीचा ना हो। क्योंकि इसकी वजह से जब रोटी बनाते समय आवाज आती है तो ये वास्तु दोष का कारण होता है।
इस तरह रखें चकला बेलन
वास्तु शास्त्र के अनुसार हमेशा इस्तेमाल करने के बाद चकला-बेलन धोकर और सुखाकर ही रखना चाहिए। माना जाता है कि चकला-बेलन को गंदा छोड़ देने से घर में वास्तु दोष बढ़ता है और माता अन्नपूर्णा भी रुष्ठ होती हैं। जिस घर में मां अन्नपूर्णा रुष्ट हो जाती है उस घर में अन्न की कमी हो जाती