अगर आप कांवड़ लेकर जा रहे हैं तो ऐसे हों तैयार, इस एक चीज से रहें दूर

Update: 2023-07-09 06:19 GMT
धर्म अधयात्म :सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। सावन में महादेव की पूजा-अर्चना करने का काफी महत्व है। लोग सच्चे मन से भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवालयों में जा कर पूजा करते हैं, इतना ही नहीं अपनी मान्यताओं के अनुसार लोग कांवड़ में गंगाजल लाकर महादेव को अर्पित करते हैं। कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की प्रमुख यात्राओं में से एक है। इसमें शिवभक्त गंगा जी से जल लाकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं। ये पूरी यात्रा शिवभक्त पैदल ही तय करते हैं। ऐसे में यात्रा के लिए उचित कपड़ों का चयन करना बेहद जरूरी होता है। कपड़ों के साथ-साथ चप्पल और जूते की क्वालिटी का भी ध्यान रखा जाता है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो गंगाजल लेकर पैदल चलना काफी मुश्किल हो जाएगा। आज के इस लेख में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप भी अपनी कावड़ यात्रा को सफल बना सकें और भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकें। अगर आप कांवड़ लेकर जा रहे हैं तो कोशिश करें कि हल्के रंग के कपड़े पहनें। पीला रंग या भगवा रंग कांवड़ यात्रा के लिए सबसे अहम माना जाता है। काला रंग कांवड़ यात्रा में बिल्कुल ना पहनें। काला रंग काफी अशुभ माना जाता है।
यात्रा के दौरान हमेशा सूती कपड़े ही पहनें। ये काफी आरामदायक होते हैं। अगर आप आरामदायक कपड़े नहीं पहनेंगे तो तेज गर्मी के मौसम में गंगाजल लेकर पैदल चलना आपके लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। कांवड़ लेकर पैदल चलना होता है। बहुत से लोग तो नंगे पैर चलते हैं पर, कई लोगों के लिए तेज गर्मी में सड़क पर नंगे पैर चलना बेहद मुश्किल होता है। अगर आप चप्पल पहनना चाहते हैं तो ऐसे फुटवियर ही पहनें जो आरामदायक हों। चाहें जूतें हों या चप्पल, इन्हें पहनते वक्त बस इतना ध्यान रखें ये फिसलने वाले ना हों।कांवड़ यात्रा के दौरान अपने साथ गमछा जरूर रखें। ये आपको धूप से बचाएगा और साथ में गर्मी में आने वाले पसीने को इससे पोंछने में मदद मिलेगी। कांवड़ यात्रा के दौरान गलती से भी चमड़े से बनीं बेल्ट या जूते ना पहनें। ऐसी मान्यता है कि चमड़े की बेल्ट पहनने से शिव जी की पूजा में अशुभता आ सकती है। चमड़े की बेल्ट जानवर की खाल से बनती है और शिव पूजा में ये वर्जित होता है।
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