हिंदू धर्म में सावन माह को बेहद ही खास माना जाता हैं और इस महीने कई सारे तीज त्योहार पड़ते हैं जिसमें नाग पंचमी भी शामिल हैं यह पर्व शिव संग नाग देवता वासुकी की पूजा के लिए विशेष माना जाता हैं इस दिन हर कोई नाग देवता की विधि विधान से पूजा कर व्रत करता हैं मान्यता है कि नाग पंचमी पर अगर पूजा पाठ और व्रत किया जाए तो सर्प दंर्श का भय समाप्त हो जाता हैं।
पंचांग के अनुसार हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता हैं इस बार नाग पंचमी आज यानी 21 अगस्त दिन सोमवार को पड़ी है इसी दिन सावन का सातवां सोमवार भी हैं ऐसे में इस दिन व्रत पूजन करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।
ज्योतिष अनुसार नाग पंचमी के दिन अगर नाग देवता की पूजा की जाए तो कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आती हैं। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा नाग पंचमी पर पूजा की संपूर्ण विधि अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
नाग पंचमी पूजा की संपूर्ण विधि—
नाग पंचमी के दिन पूजा के लिए घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नाग की आठ आकृतियां बनाकर हल्दी, रोली, चावल, घी, कच्चा दूध, पुष्प और जल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें इस दिन शिव मंदिर में जाकर तांबे के नाग की भी पूजा की जाती हैं पूजन के बाद नाग देवता की आरती करें और बैठकर नाग पंचमी की कथा का पाठ करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन सर्पों को दूध चढ़ाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती हैं साथ ही नाग देवता की पूजा घर में धन आगमन के योग बनाती हैं।
इसके अलावा नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा के साथ शिव की भी पूजा करें इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों में वृद्धि होती हैं। इसके साथ ही पूजन में “ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम:”। इस मंत्र का जाप जरूर करें मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल मिलता हैं और सर्प दोष दूर हो जाता हैं।