दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो सुख, समृद्धि और धन की चाहत न रखता हो। इसके लिए लोग न सिर्फ कड़ी मेहनत करते हैं, बल्कि अलग-अलग तरीकों से देवी-देवताओं को प्रसन्न भी करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके प्रयोग से आर्थिक तंगी और दरिद्रता दूर हो जाती है और मां लक्ष्मी की कृपा से धन की कमी नहीं रहती है।
श्री सूक्तम के पाठ से धन संकट दूर होगा
हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी की पूजा मुख्य रूप से धन प्राप्ति के लिए की जाती है। कुछ लोग कुबेर और सूर्य देव की भी पूजा करते हैं। कुछ लोग दान-पुण्य भी करते हैं और कुछ लोग रत्न भी धारण करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीसूक्तम का पाठ सभी पूजाओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन इसके लिए नियमों और सावधानियों का पालन करना भी बेहद जरूरी है. तभी आपको इसका पूरा लाभ मिलेगा.
श्री सूक्तम क्या है?
श्री सूक्तम देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित मंत्र हैं। इसे ‘लक्ष्मी सूक्तम’ भी कहा जाता है। यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है। धन की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इसका पाठ किया जाता है। श्रीसूक्त में 15 ऋचाएं हैं और 16 ऋचाएं श्रेष्ठ मानी गई हैं। बिना महात्म्य के किसी भी स्त्रोत का पाठ करने से फल नहीं मिलता है। इसलिए सभी 16 ऋचाओं का पाठ करना आवश्यक है। ऋग्वेद में वर्णित श्रीसूक्त के द्वारा भक्तिपूर्वक लक्ष्मी का पूजन करने वाला सात जन्मों तक दरिद्र नहीं होता।
श्री सूक्तम का पाठ कैसे करें?
मां लक्ष्मी की तस्वीर स्थापित करें. उनके सामने घी का दीपक जलाएं. इसके बाद श्री सूक्तम का पाठ करें। प्रत्येक श्लोक के बाद मां लक्ष्मी को फूल या इत्र अर्पित करें। पाठ समाप्ति के बाद माता की आरती करें। मां लक्ष्मी के साथ श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए। यदि आप ऐसा प्रतिदिन नहीं कर सकते तो शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन इसका पाठ करें।
एहतियाती उपाय
ध्यान रखें कि श्री सूक्त का पाठ लाल या गुलाबी आसन पर बैठकर करना चाहिए। सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर पाठ करें। कभी भी अकेले लक्ष्मी की पूजा न करें। आपके साथ परिवार के सदस्यों का होना भी जरूरी है. पाठ के बाद अगले पांच मिनट तक पानी को न छुएं।