घर से दूर होंगे रोग, रोजाना दें इन पदार्थों की धूनी

अगरबत्ती, धूप या धूनी जलाने की परंपरा सभी धर्मों में किसी न किसी रूप में पाई जाती है। हिंदू धर्म में भी प्राचीन काल से धूप जलाने या धूनी देने की पंरपरा रही।

Update: 2022-01-07 01:48 GMT

अगरबत्ती, धूप या धूनी जलाने की परंपरा सभी धर्मों में किसी न किसी रूप में पाई जाती है। हिंदू धर्म में भी प्राचीन काल से धूप जलाने या धूनी देने की पंरपरा रही। यहां तक कि हमारी शायद ही कोई पूजा ऐसी हो जो अगरबत्ती या धूप की सुगंध के बिना पूरी होती हो। इसके साथ ही धूप जलाने से मन को शांति मिलती है और घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है। हमारे शास्त्रों में धूप जालाने या धूनी देने का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि अलग-अलग पदार्थों की धूनी देने के अलग-अलग प्रभाव और लाभ हैं। कई ऐसे पदार्थ हैं जिनकी धूनी नियमित तौर पर देने से हम रोग-दोषों से मुक्त रह सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में....

घर में रोज पूजा के बाद कपूर और लौंग की धूनी जलाना चाहिए । ऐसा करने से घर का वातवरण शुद्ध रहता है, रोगाणुओं का नाश होता है। घर में आरोग्य का वास होता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता है।
गुग्गल बहुत ही सुगंधित पदार्थ है, इसकी धूनी देने से गृहकलेश समाप्त होता है। यह मानसिक रोगों के लिए भी लाभदायक होता है। गुग्गल बहुत प्रभावशाली होता है इसकी धूनी को रोज नहीं जलाना चाहिए।
लोबान की धूनी भी बहुत ही प्रभावशाली होती है। इसको जलाने के कुछ नियम होते हैं इसको जलाने से पारलौकिक शक्तियां आकर्षित और प्रतिकर्षित होती हैं। इसलिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के इसे नहीं जलाना चाहिए।
नीम रोगाणुनाशक होता है। सप्ताह में एक या दो बार नीम के पत्ते की धूनी जलाएं। इससे घर में छिपे सभी तरह के रोगाणु और कीटाणु मर जाते हैं। नुकसान पहुचाने वाले मच्छर और कीड़े आदि भी मर जाते हैं।ऐसा करने से घर से रोगोदोष दूर होते हैं।
चंदन, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, कुष्ठ, नखल, लघु और क्षौद्र सभी को बराबर मात्रा में मिलाने से दशांग धूप बनती है। इससे घर में शांति का वातवरण रहता है और रोगों का नाश होता है।
अगर - तगर, नागर, चंदन, इलायची, तज, नखनखी, मुशीर, जटामांसी, कुष्ठ, शैलज, शर्करा, कर्पूर, ताली, सदलन और गुग्गल, ये सोलह तरह के धूप माने गए हैं। इनकी धूनी जलाने से घर का वातवरण शुद्ध रहता है। रोग – दोष दूर होते हैं तथा आकस्मिक दुर्घटना का भय भी समाप्त हो जाता है।

Tags:    

Similar News

-->