नई दिल्ली : होली का त्योहार प्रेम, उमंग और उल्लास को दर्शाता है. होली बसंत ऋतु में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. जिसे देश भर में धूम-धाम से मनाया जाता है. फाल्गुन मास में मनाए जाने के कारण होली को फाल्गुनी भी कहा जाता है. इस पर्व को पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन होलिका दहन (Holika Dahan) होता है. उसके बाद अगले दिन रंग-गुलाल से होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा. इसलिए होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को होगा और रंग वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी. होली के दिन एक दूसरे से गले मिलकर रंग लगाते हैं. रंग का अर्थ प्रेम से है. माना जाता है कि होली की पूजा जीवन में सुख समृद्धि लाती है. रोग आदि से भी मुक्ति दिलाती है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को होलिका से बचाया था. भगवान विष्णु की लीला से होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गई. तो चलिए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होली और होलिका दहन शुभ मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी.
पूर्णिमा तिथि समाप्त- इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा.
होलिका दहन समय- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 07:19 बजे से रात 09:38 बजे तक है.