बेरोकटोक तीर्थयात्राओं से हिमालयी क्षेत्र को खतरा
हजारों की संख्या में बेरोकटोक तीर्थयात्रियों की....
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड में दरकते पहाड़, जमीन में धंसते कस्बे, रोजाना हजारों की संख्या में बेरोकटोक तीर्थयात्रियों की आमद और अंधाधुंध निर्माण कुछ ऐसे कारक हैं जिनसे संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र को गंभीर खतरा है। उत्तराखंड में भूस्खलन की खबरें बढ़ रही हैं और चार धाम गंतव्यों में से एक बद्रीनाथ के प्रवेश द्वार जोशीमठ में लोग उन्हीं घरों में वापस जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं जिनमें दरारें पड़ने के कारण वे उन्हें छोड़ कर चले गए थे।
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पर्यावरणविदों की नजर में सड़क विस्तार परियोजनाएं एक और महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्होंने क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है क्योंकि यह क्षेत्र पहले ही जलवायु जनित आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी धामों में दर्शनार्थियों की अधिकतम दैनिक संख्या तय करने संबंधी अपने निर्णय को वापस ले लिया था।