ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह की अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि पितरों को समर्पित दिन है
इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप करने का विधान होता है मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है इस साल फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को पड़ रही है इस दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर कुछ कार्यों को किया जाए तो पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और पितृदोष दूर हो जाता है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
पितृदोष से मुक्ति के आसान उपाय—
फाल्गुन मास की अमावस्य का पूर्ण फल पाने के लिए इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और ध्यान करें अगर आप तीर्थ पर नहीं जा सकते हैं तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि विधान के साथ पिंडदान, तर्पण और दान जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है तो ऐसे में फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान ध्यान करके चांदी के बने नाग नागिन को सफेद पुष्प अर्पित करें और फिर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से कालसर्प दोष से राहत मिलती है। लेकिन अमावस्या के दिन भूलकर भी सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन दूसरों के घर का भोजन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन क्रोध करने से बचें। किसी को अपशब्द भी नहीं कहना चाहिए। ऐसा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।