धर्म अध्यात्म: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि को हरतालिका तीज मनायी जाती है. इस दिन सभी सुहागनें 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. हरतालिका तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं. पति की लंबी आयु और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज मनायी जाती है. इस त्योहार के दौरान, महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं. कुछ जगहों पर पारंपरिक रंगमंच का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग पुरानी कथाओं को गाकर और अभिनय करके मनोरंजन करते हैं. मेहंदी लगाना भी इस दिन शुभ माना जाता है. तो आप भी अगर हरतालिका तीज का त्योहार मना रही हैं तो आपको बताते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
इस साल हरतालिका तीज की तिथि 17 सितंबर को सुबह 11:08 बजे से शुरु हो रही है और ये 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे तक रहेगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि के अनुसार ही व्रत और पूजा की जाती है.
हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.
शुभ समय सुबह 06:07 बजे से शुरू होगा और 08:34 बजे तक रहेगा. आपको इस दौरान ही पूजा करनी है.
हरतालिका तीज शुभ योग
हरतालिका तीज के दिन इंद्र योग बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा
इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा और पूर्ण रात्रि तक रहेगा.
हरतालिका तीज की पूजा विधि
इस विशेष दिन पर सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और नए या साफ वस्त्र धारण करें.
शुभ मुहूर्त में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें.
पूजा से पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमा स्थापित करें
विधि-विधान से पूजा करें, व्रत कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें.
माता पार्वती की पूजा करते समय 'ॐ उमायै नमः' मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की पूजा करते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का निरंतर जाप करते रहें.