Kalashtami vrat यहाँ जाने शुभ समय काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त

Update: 2024-11-22 05:11 GMT
Kalashtami vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन कालाष्टमी व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप भगवान कालभैरव की विधिवत पूजा की जाती है और उपवास रखा जाता है
 मान्यता है कि ऐसा करने से कालभैरव का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही धन धान्य में वृद्धि होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कालाष्टमी की तारीख और पूजा का शुभ समय आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 कालाष्टमी की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 नवंबर दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 23 नवंबर दिन शनिवार को रात 7 बजकर 56 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त 22 नवंबर को सुबह 6 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। वही निशिता काल मुहूर्त 22 नवंबर की रात 11 बजकर 41 मिनट से 23 नवंबर की रात 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके भगवान कालभैरव के मंदिर जाए और भगवान की विधिवत पूजा करें साथ ही उपवास भी रखें। माना जाता है कि ऐसा करने से बाबा भैरव का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
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