Hartalika Teej 2021 : जानिए महिलाएं पूजा के दौरान क्या करें क्या नहीं, व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान

हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं गौरा माता की पूजा अर्चना करती हैं. आइए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

Update: 2021-09-08 02:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस बार हरतालिका व्रत का 9 सितंबर 2021 को है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है. इस खास दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए निराधार व्रत रखती हैं.

हरतालिका व्रत के दिन कई प्रकार के नियम हैं जिसका पालन करना आवश्यक माना जाता है. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाए तो व्रत खंडित हो सकता है. हिंदू शास्त्र में कुछ नियमों के बारे में बताया गया है जिसके बारे में ज्यादातर महिलाएं नहीं जानती हैं और अनजाने में गलतियां कर देती हैं. आइए जानते हैं हरतालिका तीज के दिन किन कार्यों को करना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए.
हरतालिका तीज के दिन सबसे पहले गणेश जी की होना चाहिए. मान्यता है कि किसी भी पूजा को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा होती है. ऐसा करने से आपके सभी विघ्न दूर हो जाते हैं.
हरतालिक पूजा के दिन महिलाओं को शाम के समय में व्रत की कथा सुननी चाहिए और अगले दिन व्रत का पारण करना चाहिए.
इस दिन महिलाओं को गीत भजन गाना चाहिए. पारंपरिक तौर पर महिलाओं को तीज पर गाए जाने वाले गीत और भजन गाना चाहिए.
क्या नहीं करना चाहिए
हरतालिका तीज के दिन महिलाओं को अपने मन को शांत रखकर मां गौरा की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस दिन महिलाओं को मेहंदी लगानी चाहिए और सबसे प्रेम से बात करनी चाहिए.
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निराहार व्रत रखती हैं. इस दिन कुछ भी नहीं खाना चाहिए हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं को इन नियमों में छूट दी जाती हैं.
मान्यता है कि व्रत के दिन महिलाओं को सोना नहीं चाहिए. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इस व्रत को जितने विधि- विधान से किया जाता है उसके उतने ही लाभ होते हैं.
शास्त्रों के अनुसार, किसी भी व्रत को तभी पूरा माना जाता है जब आप पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ साफ मन से इस व्रत को करते हैं. तीज के दिन विधि- विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए. सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए.


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