इस दिन है हरितालिका तीज, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
जल्द ही सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय होता है। सावन माह में विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है।
जल्द ही सावन का पवित्र महीना शुरू होने वाला है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत ही प्रिय होता है। सावन माह में विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है। मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द ही पूरी हो जाती है। सावन और भादों के महीने में सुहागिन महिलाएं कई तरह के व्रत-उपवास रखती हैं। सावन माह में नाग पंचमी, रक्षा बंधन, हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। सावन के बाद भाद्रपद महीना आता है। इस माह में सुहागिन महिलाओं का सबसे बढ़ा त्योहार हरितालिका तीज आता है। हरितालिका तीज हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए हरितालिका तीज बहुत ही खास होता हैं क्योंकि इसमें महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। साल 2022 में हरितालिका तीज कब है, इसका शुभ मुहूर्त , पूजा विधि और व्रत के क्या नियम होते हैं इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस साल हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यानी 30 अगस्त,मंगलवार को है। पंचांग गणना के अनुसार भाद्रपद तृतीया की शुरुआत 29 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी। वहीं तृतीया तिथि का समापन 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर होगा। ऐसे में हरितालिका तीज का व्रत महिलाएं 30 अगस्त को कर सकती हैं। हरितालिका तीज पूजा शुभ मुहूर्त के लिए सुबह 5 बजकर 58 मिनट से लेकर 8 बजकर 31 मिनट तक का समय बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा।
भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए हरितालिका तीज का विशेष महत्व होता है। हरितालिका तीज के दिन सुहागिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेते हुए विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने की तैयारी करती हैं। इस दिन पूजन के लिए विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाती हैं। फिर इसके बाद शुभ मुहुर्त को ध्यान में रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आरंभ करती हैं। पूजा में भगवान शिव का जलाभिषेक, बेलपत्र, गंगाजल, दूध और दही से स्नान कराया जाता है। साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार की पूजा सामग्री को अर्पित करती हैं। अंत में धूप-दीप करते हुए व्रत कथा का पाठ और आरती की जाती है। सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती के सामने शीश झुकाकर अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
हरितालिका तीज का व्रत रखने से पहले सबसे पहले सुबह उठकर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।
फिर सच्चे मन से व्रत का संकल्प लेते हुए विधि विधान के साथ पूजा की सामग्री को एकत्रित किया जाता है।
सुहागिन महिलाओं को हरितालिका तीज व्रत में पूजा के दौरान व्रत कथा अवश्य करें।