हनुमानजी को प्राप्त थीं 8 सिद्धियां, वानरराज केसरी के पुत्र माने जाते हैं हनुमानजी

जानते हैं हनुमानजी के जीवन से जुड़े खास रहस्य और उनकी 8 सिद्धियों के बारे में.

Update: 2022-02-21 18:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर लोग कामना की पूर्ति के लिए भगवान की भक्ति में लीन हो जाते हैं. कुछ लोग भगवान से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. हर दिन किसी ना किसी देवी देवता से संबंधित हैं. मंगलवार का दिन हनुमानजी के समर्पित है. ऐसे में जानते हैं हनुमानजी के जीवन से जुड़े खास रहस्य और उनकी 8 सिद्धियों के बारे में.

रूद्र अवतार माने जाते हैं हनुमानजी
शास्त्रों में हनुमानजी के भगवान शिव का 11वां यानि रूद्र अवतार माना गया है. करते हैं कि हनुमानजी को यह अवतार उन्हें भगवान शिव और इंद्र की पूजा का बाद मिला. इस कारण से हनुमानजी के अत्यधिक तेजस्वी, गतिमान और सर्वगुण संपन्न माना जाता है.
हनुमानजी से जुड़े रहस्य
रावण को खत्म करने में हनुमानजी की अहम भूमिका थी. भगवान हनुमान सुमेरु पर्वत के वानरराज केसरी और माता अंजना के पुत्र माने जाते हैं. माता अंजना अत्यधिक तेजस्वी और धर्मात्मा स्त्री थीं. साथ ही ये योग विद्या में काफी कुशल थीं. योग विद्या से इन्होंने वायु की सिद्धि प्राप्त की थी. इसलिए हनुमानजी को वायुपुत्र भी कहा जाता है.
हनुमानजी की 8 सिद्धियां
हनुमानजी को 8 सिद्धियां प्राप्त थीं. अणिमा में खुद के स्वरुप को छोटा किया जा सकता है. महिमा सिद्धि से हनुमानजी अपने शरीर को बड़ा कर लेते थे. लघिमा से हनुमानजी शरीर को हल्का कर लेते थे. गरिमा सिद्धि के द्वारा हनुमानजी शरीर को जमीन पर जमा सकते थे. प्राप्ति सिद्धि के कारण हनुमानजी तीनों कालों का दर्शन कर लिया करते थे. प्राकाम्य सिद्धि से हनुमानजी को समाधि की अवस्था में रहने की क्षमता थी. वशित्व सिद्धि से हनुमानजी लोगों को प्रभावित कर लिया करते थे. ईशित्व से मृत्यु को प्राप्त लोगों को भी जिंदा किया जा सकता है.


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