गुप्त नवरात्रि 2022: सर्वार्थसिद्धि और ध्रुव समेत कई शुभ योगों में शुरू होगी आषाढ़ नवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

गुप्त नवरात्रि

Update: 2022-06-28 04:05 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Gupt Navratri 2022 Date and Muhurat: गुप्त नवरात्रि के नौ दिन महाविद्याओं की खास साधना की जाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। दो बार गुप्त नवरात्रि और दो सामान्य होती है। आषाढ़ और माघ मास में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि के नौ दिन मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।

30 जून से शुरू हो रहे आषाढ़ नवरात्रि-
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून, गुरुवार से हो रही है। जिसका समापन 08 जुलाई, शुक्रवार को होगा। प्रतिपदा तिथि 29 जून 2022, सुबह 08 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी जो कि 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। अभिजीत मुहूर्त- 30 जून को सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन बन रहे शुभ संयोग-
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, आडल योग, विडाल योग और ध्रुव योग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान किसी नए काम की शुरुआत करना व धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है। विवाद निपटाने, समझौता करने व रुठे लोगों को मनाने के लिए ये योग शुभ माने गए हैं। इतना ही नहीं इन योग में कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
मां दुर्गा की गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा-
1. गुप्त नवरात्रि के दौरान आधी रात को मां दुर्गा की पूजा की जाती हैं।
2. मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और चुनरी अर्पित करें।
3. इसके बाद मां दुर्गा के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करें।
4. मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है।
5. सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।


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