हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है एक आता है तो दूसरा जाता है अभी देशभर में जहां जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया हैं तो अब गोगा नवमी का पर्व मनाया जा रहा हैं। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को गोगा नवमी मनाई जाती हैं इस पर्व को वाल्मीकि समाज के लोग मनाते हैं। आपको बता दें कि वाल्मीक समाज के आराध्यदेव जाहरवीर के जन्मोत्सव के दिन गोगा नवमी का पावन पर्व मनाया जाता है इस बार यह त्योहार 8 सितंबर दिन शुक्रवार यानी की आज मनाया जा रहा है।
इस दिन नागों की पूजा का भी विधान होता है मान्यता है कि इस दिन वाल्मीकि समाज के लोग उपवास रखते हैं और अपनी संतान की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करते हैं इस पावन व्रत को करने से जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गोगा नवमी से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गोगा नवमी पूजा मुहूर्त—
गोगा नवमी के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 36 मिनट से लेकर 10 45 तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 19 मिनट से लेकर 1 बजकर 53 मिनट तक होगा। वही संध्याकाल पूजन का मुहूर्त शाम 5 बजकर 1 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि गोगा जी की इन मुहूर्तों में पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
गोगा नवमी का पर्व राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसढ़ में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं गोागा देव को नागों का देवता माना गया हैं। मान्यता है कि गोगा नवमी के दिन अगर व्रत पूजन किया जाए तो निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती हैं साथ ही इस व्रत से शुभ फल भी मिलते हैं। इस दिन पूजा पाठ करने से सर्प दर्श से मुक्ति मिल जाती है और सांपों का भय भी समाप्त होता हैं।