Garuda Purana : ये तीन आदतें परिवार का सुख और चैन छीन लेती हैं, जाने

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण की संज्ञा दी गई है. इसमें कही गई बातें स्वयं नारायण के मुख से निकली हैं. यदि व्यक्ति इन बातों को समझकर जीवन में उतार ले, तो तमाम समस्याओं को टाल सकता है.

Update: 2021-10-20 06:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक परिवार में कई सदस्य रहते हैं, सभी का व्यवहार और स्वभाव अलग-अलग होता है. लेकिन आपने देखा होगा कि कुछ परिवारों में अलग-अलग होते हुए भी घर के सभी सदस्य प्रेम पूर्वक रहते हैं, तो कहीं-कहीं हर बात पर बहस और क्लेश की स्थिति बनी रहती है. ऐसे घर में लोगों के अंदर जरा सी भी सहनशीलता नहीं होती. सभी का स्वभाव बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार कई बार इन स्थितियों की जिम्मेदार हमारी गलत आदतें होती हैं. इन आदतों का सीधेतौर पर घर के माहौल से संबन्ध नहीं होता.

दरअसल ये आदतें हमारे घर में नकारात्मक स्थितियां पैदा कर देती हैं, जिसके कारण परिवार के लोगों पर इसका बुरा असर पड़ता है और उनके स्वभाव में गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है. बता दें कि गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण माना गया है. इसमें कही गई हर बात स्वयं भगवान विष्णु के मुख से निकली है. इसकी बातों का अनुसरण करके व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के साथ मृत्यु के बाद भी सद्गति को प्राप्त हो जाता है. यहां जानिए उन आदतों के बारे में जो घर का सुख और चैन छीन लेने वाली मानी गई हैं.
रात में जूठे बर्तन छोड़ना
पहले के समय में लोग ​रसोई को पूरी तरह से साफ करने के बाद ही सोने के लिए जाते थे, लेकिन आजकल ये सब लोगों के लिए मायने नहीं रखता. घरों में मेड लगी है, जो सुबह या दोपहर तक आती है. ऐसे में रात के जूठे बर्तन किचन में ही इकट्ठे रहते हैं. लेकिन गरुड़ पुराण की मानें तो रात के जूठे बर्तन छोड़ने की आदत आपके घर में दरिद्रता की वजह बनती है. इसके कारण घर में क्लेश और झगड़े की स्थिति पैदा होती है.
घर को गंदा रखना
आज के समय में लोगों के पास इतना समय ही नहीं है, कि वे घर को साफ और व्यवस्थित रख पाएं. ज्यादातर लोग इस मा​मले में भी मेड पर निर्भर हो चुके हैं. लेकिन वास्तव में घर में स्वच्छता रखना और व्य​वस्थित रखना बहुत जरूरी है, वरना बीमारियां पनपने लगती हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार घर में गंदगी रखने से मां लक्ष्मी का वास वहां कभी नहीं होता. ऐसे में फिजूल खर्च बढ़ जाते हैं. मतभेद और मनभेद बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण झगड़े होते हैं.
कबाड़ इकट्ठा करना
ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि कि घर का कबाड़ वे छत पर डाल देते हैं, उसके बाद इस कबाड़ की सुध भी नहीं होती. लेकिन कबाड़ को घर के किसी भी हिस्से में नहीं रखना चाहिए. कबाड़ इकट्ठा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और आर्थिक तंगी व क्लेश की स्थितियां पैदा हो जाती हैं. जंग लगे लोहे या फर्नीचर से जुड़ा कबाड़ तो घर में कभी नहीं रखना चाहिए. इससे घर के क्लेश बड़े विवादों में भी बदल सकते हैं. इसलिए कबाड़ को समय समय पर घर से निकालते रहें.


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