गरुड़ पुराण: ये गलतियां, ला सकती हैं आपका बुरा समय जीवन में लगी रहती परेशानियां

हिंदू धर्म में बहुत से पुराण और ग्रंथ हैं, इसी में से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है गरुड़ पुराण. इसमें विस्तार से भगवान विष्णु की भक्ति के बारे में बताया गया है.

Update: 2022-05-09 04:48 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  हिंदू धर्म में बहुत से पुराण और ग्रंथ हैं, इसी में से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है गरुड़ पुराण. इसमें विस्तार से भगवान विष्णु की भक्ति के बारे में बताया गया है. इसे किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत पढ़ा जाता है लेकिन इसमें मनुष्य के जीवन से संबंधित भी बहुत सी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया है. इनमें बताया गया है कि आप एक धनी परिवार में जन्म लेने के बावजूद कुछेक गलतियों के कारण गरीब हो सकते हैं. इसमें उन गलतियों के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकती हैं. पुराणों में कई ऐसी सीख दी गई है, जिसका पालन करने से आप ऐसी परेशानियां से बच सकते हैं और आपके घर में सुख-संपत्ति और सौभाग्य का वास बना रह सकता है.

1. दूसरों की निंदा करने वाले 
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी व्यक्ति की निंदा करना पाप के समान होता है. निंदा करने में व्यक्ति बहुत आनंदित महसूस करता है परंतु यह केवल अपने बहूमुल्य समय को नष्ट करना होता है. ऐसे लोग अपने समय को बर्बाद करते हैं और अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते हैं, जिसके कारण दुखी होते रहते हैं.
2. मैले वस्त्र पहनने वाला
जो लोग अस्वच्छ रहते हैं और गंदे वस्त्र धारण करते हैं उनके ऊपर कभी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती हैं और हमेशा धन का अभाव बना रहता है. गंदे वस्त्रों के दरिद्रता की निशानी माना गया है इसलिए हमेशा व्यक्ति को साफ-सुथरे कपड़े पहनना चाहिए.
3. रात को दही न खाएं
गरुड़ पुराण के अनुसार दही सात्विक भोजन होते हुए भी रात के समय खाना नुकसानदेय है. दिन के समय आप भले ही खूब दही खाएं लेकिन रात में इससे बचें, क्योंकि रात में इसके सेवन से आपका स्वास्थ्य प्रभावित होता है और उम्र घटती है.
4. दूसरे के सुख से जलन
कुछ लोगों की आदत होती है दूसरों की खुशी को देखकर जलने की, ऐसा करने से तनाव बढ़ता है. कभी भी दूसरों की खुशी को देखकर जलन की भावना न रखें. जो हमारे पास है हमें उसी में खुश रहना चाहिए. यदि हम दूसरों के खुशी को देखकर ईर्ष्या करेंगे तो कभी भी सुखी नहीं रह पाएंगे.
5. धन का अहंकार करने वाला
व्यक्ति को कभी भी धन आने पर अंहकार नहीं करना चाहिए, अहंकार की भावना से व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और व्यक्ति अंहकार में आकर व्यक्ति दूसरों का सम्मान नहीं करता है साथ ही दूसरों को नीचा दिखाने का प्रयत्न करता है. अपने से कमजोर लोगों के नीचा दिखाना या फिर उन्हें कष्ट पहुंचाना धार्मिक ग्रंथों में पाप माना गया है.


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