Garuda Purana : पूजा और श्राद्ध किन लोगों से नहीं कराना चाहिए, जाने

शास्त्रों में पंडित या ब्राह्मण को साधारण जीवन जीने वाला, सबका भला चाहने वाला और धर्म के मार्ग पर चलने वाला बताया गया है. लेकिन आजकल लोग अपने मार्ग से भ्रमित हो चुके हैं. जानिए किस तरह के लोगों से पूजा पाठ और श्राद्ध वगैरह कभी नहीं करवाना चाहिए.

Update: 2021-07-27 05:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गरुड़ पुराण में पूजा पाठ, यज्ञ, हवन, श्राद्ध आदि को घर में सुख शांति बनाए रखने के लिए जरूरी बताया गया है. इसके अलावा विशेष फल की प्राप्ति के लिए पूजा में विशेष सामग्री का भी जिक्र किया गया है. लेकिन किसी भी तरह के पूजा पाठ के लिए कुशल और योग्य पंडित की भी जरूरत होती है. तभी आपकी पूजा सफल होती है वर्ना आपके द्वारा कराया गया सारा कार्य व्यर्थ माना जाता है.

शास्त्रों में पंडित या ब्राह्मण को साधारण जीवन जीने वाला, सबका भला चाहने वाला और धर्म के मार्ग पर चलने वाला बताया गया है. लेकिन आजकल लोग अपने मार्ग से भ्रमित हो चुके हैं. ऐसे में गरुड़ पुराण में अपात्र लोगों से पूजा पाठ न कराने के लिए कहा गया है. जानिए किस तरह के लोगों या पंडित से पूजा, यज्ञ और श्राद्ध आदि न कराने की बात कही गई है.
– जो पंडित टोना टोटका आदि करते हैं, उनसे यज्ञ, पूजा और श्राद्ध कभी नहीं करवाना चाहिए वर्ना पितरों को कष्ट भोगने पड़ते हैं.
– लालची पंडित और जिसे वेदों का ज्ञान न हो, उससे पूजन और यज्ञ करवाना व्यर्थ माना जाता है. ऐसे में आपके मनोरथ सिद्ध नहीं हो पाते. इसलिए लालची और अज्ञानी पंडित से ऐसे कार्य न करवाएं.
– काना, गूंगा, मूर्ख, गुस्सा करने वाले पंडितों से भी पूजन और श्राद्ध नहीं करवाना चाहिए.
– गलत लोगों की संगत में रहने वाले, उनसे मित्रता रखने वाले और शनि का दान लेने वाले पंडितों से भूलकर भी पूजन कार्य न करवाएं.
– पराई स्त्री से संबंध रखने वाले, महिला के वश में रहने वाले और दूसरों की स्त्री पर बुरी नजर रखने वाले पंडितों से पूजा करवाना पाप माना जाता है.
– दूसरों से ईर्ष्या करने वाले और बुरे कार्यों को करने वाले पंडितों द्वारा की गई पूजा कभी सफल नहीं होती. इसलिए ऐसे पंडितों का चुनाव कभी न करें.
– दूसरों का धन हड़पने वाले, झूठ, हिंसा करने वाले पंडितों या ब्राह्मणों से पूजा न करवाएं. इनके दोष के भागी पूजा करवाने वाले भी बन सकते हैं.
– सोने के आभूषण बेचने वाले पंडितों से भी यज्ञ और पूजन नहीं करवाना चाहिए. ये फलित नहीं होता.
– निंदा, चुगली और नशा करने वाले ब्राह्मणों या पंडितों से पूजा, यज्ञ या श्राद्ध कर्म कभी नहीं करवाना चाहिए.
– जो पंडित बकरी का पालन करते हों, चित्रकार हों, वैद्य हों और ज्योतिषी हों, इन चार प्रकार के पंडितों से पूजा न करवाएं. इनसे पूजा करवाने पर उसका लाभ प्राप्त नहीं होता.


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