राखी बांधने से लेकर आरती तक जानें पूजा का सही तरीका और सामग्री

Update: 2023-08-28 11:12 GMT
क्या आप भी रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में राखी, मिठाई, तिलक और आरती का दीपक ही रखती है.... तो ये पूरी स्टोरी जरुर पढ़ें. 30 अगस्त और 31 अगस्त को राखी का महापर्व मानाया जाएगा. हालांकि भद्राकाल के कारण 30 की सुबह से रात को लगभग 9 बजे तक राखी नहीं बांध सकते लेकिन उसके बाद से लेकर 31 की सुबह लगभग 7 बजे तक आप अपने भाई की कलाई पर रक्षा का ये सूत्र बांधकर उसकी लंबी उम्र की दुआ कर सकते हैं.
रक्षाबंधन का त्योहार अगर शुभ मुहूर्त देखकर सही विधि-विधान के साथ किया जाए तो इस दिन बहनें अपने भाई के लिए जो भी दुआ करती है वो जल्द पूरी होती है. लेकिन सही समय पर आप अपने भाई को राखी बांधे, इतना ही नहीं जिस थाली में आप राखी सजाकर भाई की आरती उतारने वाली है उसकी सामग्री भी नोट कर लें.
रक्षाबंधन की पूजा की थाली में जरूर रखें ये सामान
- सबसे पहले आप साफ पूजा की थाली लें. ये चांदी, सोने, पीतल, तांबे या स्टील की भी हो सकती है.
- थाली पर सीधी सामग्री ना रखें इस पर पहले एक कपड़ा बिछाएं.
- अब इसमें शुद्ध देसी घी का दीपक रखें
- रक्षाबंधन की थाली में अब रोली, चंदन और अखंडित चावल रखें. अब इसमें नारियल, सुपारी और दही भी रखें
- राखी के साथ एक कलावा भी साथ में जरुर बांधें.
- अब मिठाई रखें. आप 5 मिठाई के टुकड़े प्लेट में सजाएं.
 - घर में बाल गोपाल या गणेश की पूजा करते हैं तो उन्हें भी इस थाली में विराजित करें.
- सबसे पहले मंदिर में इस थाल को रखें. भगवान का आशीर्वाद दिलाएं फिर भाई को राखी बांधे
- भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बिठाकर ही राखी बांधें. ध्यान रखें कि राखी बांधते समय दिशा का विशेष महत्त्व होता है.
- सबसे पहले भाई को तिलक करें, फिर उसके हाथ में राखी बांधे. भाई और बहन दोनों के लिए एक स्पेशल टिप ये है कि भाई जिस हाथ में राखी बंधवा रहे हैं उसकी मुठी बंद रखें और मुट्ठी में कुछ पैसे रखें. बहनों के लिए ये टिप है कि राखी बांधते समय ही भाई के लिए जो दुआ चाहती हैं उसे मन में कहें.
- इसके बाद आरती उतार कर भाई का मुंह मीठा करें.
- ध्यान रखें की राखी के समय भाई और बहन दोनों का सिर ढका होना चाहिए और भाई राखी बंधवाने के बाद माता-पिता का आशीर्वाद भी जरुर ले.
 तो इस साल आप रक्षाबंधन (Rakshabadhan 2023) का त्योहार शुभ मुहूर्त में सही विधि विधान से करें. भाई-बहन के इस रिश्ते को कभी किसी की बुरी नज़र नहीं लगेगी. आप पूर्णिमा के दिन भद्राकाल में राखी बांधने की गलती ना करें.
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