राम-सीता विवाह पंचमी से लेकर काल भैरव जयंती तक, देखें इस माह के व्रत-त्योहार लिस्ट
मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना शादी और कई व्रत का महीना होता है। अगहन में ही प्रभु राम और माता सीता का विवाह तिथि भी आती है, जिस विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस माह को लेकर धार्मिक मान्यता है कि अगहन का महीना भगवान राम और श्री कृष्ण की पूजा-अराधना के लिए काफी फलदायी होता है। अगहन का पूरा माह पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार और शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस महीने में कब कौन से त्योहार है और किस दिन कौनसा व्रत रखा जाएगा।
16 नवंबर (काल भैरव जयंती)
इस साल 16 नवंबर को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। भगवान भैरव को महादेव भोलेनाथ का रौद्र अवतार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि काल भैरव की पूजा अर्चना से हर तरह का भय और ग्रह दोष सब दूर होता जाता है।
20 नवंबर (उत्पन्ना एकादशी)
उत्पन्ना एकादशी हर साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी से ही सभी एकादशी व्रत की शुरुआत होती है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत आरोग्य, संतान प्राप्ति और मोक्ष के लिए किया जाने वाला व्रत है।
21 नवंबर 2022 (सोम प्रदोष व्रत)
सोम प्रदोष व्रत करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करते हैं। हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोम प्रदोष का व्रत रखा जाता है।
28 नवंबर 2022 (विवाह पंचमी)
हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी पर जनकपुर धाम (नेपाल) और अयोध्या में काफी धूम रहती है। इस दिन अयोध्या से जनकपुर बारात जाती है।
3 दिसंबर 2022( मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती)
5 दिसंबर 2022 (अनंग त्रयोदशी व्रत)
7 दिसंबर 2022 (मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, दत्तात्रेय जयंती)
8 दिसंबर 2022 (अन्नपूर्णा जयंती)