इस कारण से यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं, संतान प्राप्ति के लिए की जाती है पूजा

25 अक्टूबर को रविवार के दिन दशहरा मनाया जायेगा. इस दिन जगह-जगह रावण दहन किया जाता है. रावण दहन के साथ ही नवरात्रि की भी समाप्ति हो जाएगी.Because of this, the people here, Ravana, consider their son-in-law, procreation, worship,

Update: 2020-10-22 12:44 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| 25 अक्टूबर को रविवार के दिन दशहरा मनाया जायेगा. इस दिन जगह-जगह रावण दहन किया जाता है. रावण दहन के साथ ही नवरात्रि की भी समाप्ति हो जाएगी. दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाते हैं पर कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां रावण को पूजा जाता है. इनमें सबसे खास है मध्य प्रदेश का मंदसौर शहर. मंदसौर से रावण का एक खास रिश्ता बताया जाता है.

प्राचीनकाल में मंदसौर को दशपुर कहा जाता था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंदसौर रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका था और इसी वजह से यहां के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं. दशहरा के दिन हर जगह रावण का पुतला जलाते हैं लेकिन मंदसौर में साल भर रावण की पूजा की जाती है. 

मंदसौर में नामदेव समाज के लोग मंदोदरी को अपने वंश की बेटी बताते हैं और इस वजह से ही रावण को वहां आज भी जमाई जैसा सम्मान दिया जाता है.

मंदसौर में रावण की एक विशाल प्रतिमा भी है जहां हर दिन लोग उसकी पूजा करने आते हैं. 41 फीट ऊंची और विशाल रावण की ये प्रतिमा लगभग चार सौ साल पुरानी मानी जाती है. 

यहां औरतें रावण को दामाद मानती हैं इसलिए उसकी पूजा करने के दौरान घूंघट करती हैं. विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए यहां रावण की पूजा की जाती है.

यहां के लोग दशहरा के दिन सुबह-सुबह ढोल-बाजे के साथ जाकर रावण की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद राम और रावण की सेनाएं निकलती हैं और शाम के समय रावण दहन किया जाता है. दहन से पहले लोग रावण से क्षमा याचना मांगते है.

Tags:    

Similar News

-->