धर्म अध्यात्म: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. इसको हरितालिका तीज एवं हरतालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व का संबंध शिव जी से है और 'हर' शिव जी का नाम हैं इसलिए हरतालिका तीज अधिक उपयुक्त है. महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. मुख्य रूप से ये पर्व मनचाहे तथा योग्य पति को प्राप्त करने का है, हालांकि कोई भी स्त्री ये रख सकती है. इसी दिन हस्तगौरी नामक व्रत को करने का विधान भी है जिसको करने से संपन्नता की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को वर रूप में पाने के लिए यह व्रत रखा था। ऐसे में जो महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना रखती हैं उन्हें हरतालिका तीज का व्रत अवश्य रखना चाहिए। साथ ही गौरी शंकर के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं इन मंत्रों के बारे में...
भगवान शिव का मंत्र:-
ॐ नम: शिवाय
ॐ महेश्वराय नमः
ॐ पशुपतये नमः
माता पार्वती का मंत्र:-
ॐ पार्वत्यै नमः
ॐ उमाये नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
सिंदूर अर्पित करने का मंत्र:-
सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र:-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
पुत्र-पौत्रादि समृद्धि देहि में परमेश्वरी।।
मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए:-
हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा माम कुरु कल्याणी कांतकांता सुदुर्लाभाम्।।
पति की दीघार्यु के लिए मंत्र:-
नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा।
प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।