हनुमान जी की कृपा के लिए हनुमान जयंती के दिन इन कुछ खास नियमों का रखें ध्यान
इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल शनिवार को मनाई जाएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्र और राम नवमी के बाद भारत समेत दुनियाभर में बजरंगबली के भक्त हनुमान जयंती की तैयारी में जुटे हैं। इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल शनिवार को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। मान्यता है कि चैत्र महीने को पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान ने माता अंजना की कोख से जन्म लिया था।
इस दिन दुनियाभर में हनुमान जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाती है। श्री विष्णु के राम अवतार के समय सहयोग के लिए रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस दिन विधि विधान के साथ हनुमान जी के लिए व्रत रखा जाता है और पूजा-पाठ की जाती है। साथ ही अगर इस खास दिन कुछ खास उपाय कर लिए जाए, तो इससे हनुमान जी कृपा प्राप्त होती है।
हनुमान जयंती के दिन भक्त अपने आराध्य परम बलशाली हनुमान को प्रसन्न करने के लिए दिन भर व्रत रखते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। वैसे तो हनुमान जी बड़े दयालू हैं और अपने भक्तों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, लेकिन फिर भी हनुमान जयंती के दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए कुछ खास नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
शुद्धता का रखें ध्यान
हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्व है। नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें। अगर हो सके तो इस दिन कोरे या नए कपड़े पहनने चाहिए। मान्यता है कि इस दिल काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए। हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है। पूजा करते समय लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। इसके अलावा ब्रह्मचर्य का पालन भी करें।
नमक का सेवन न करें
जो भक्त व्रत रख रहे हैं उन्हें हनुमान जयंती के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि अगर इस दिन मिठाई का दान कर रहे हैं तो स्वयं उस मिठाई को न खाएं।
मांस और मदिरा से रहें दूर
हनुमान जयंती के दिन मांस या मदिरा का सेवन न करें। अगर व्रत रख रहे हैं तो किसी भी सूरत में इन चीजों से दूर रहें। अगर व्रत नहीं कर रहे हैं तब भी मांस-मदिरा का त्याग करें। इन चीजों का सेवन करने के बाद न तो हनुमान जी की पूजा करें और न ही उनके मंदिर जाएं।
सूतक में न करें ये काम
अगर सूतक है तो हनुमान जयंती के दिन न तो हनुमान जी का व्रत रखें और न ही उनकी पूजा करें। गौरतलब है कि जब घर में किसी की मौत हो जाती है या बच्चे का जन्म होता है तो सूतक लग जाता है। सूतक के दौरान भगवान की पूजा करने की मनाही है।