3 साल तक इन 4 राशि वाले जातकों को शनि देव के दंड से मिलेगी मुक्ती

शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है

Update: 2021-07-16 11:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शनिदेव (Shani Dev) को न्याय का देवता कहा जाता है जो लोगों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. वैदिक ज्योतिष में भी शनि ग्रह का बड़ा महत्व माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक रहते हैं. सभी ग्रहों में इनकी गति सबसे मंद होती है. वहीं शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है. आइए जानते हैं कि आने वाले तीन सालों में शनि का प्रभाव किन राशियों पर रहेगा और कौन-कौन सी राशि इनकी दशा से मुक्त हो जाएंगी.

वर्तमान में इस राशि के लोग हैं परेशान
वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. इसी कारण मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. तो वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है. कुल मिलाकर शनि की दृष्टि वर्ष 2021 में 5 राशियों पर है. शनि मकर राशि में वक्री चाल चल रहे हैं और 11 अक्टूबर तक इसी अवस्था में रहेंगे.
शनि की दशा से मुक्त रहेंगी ये 4 राशियां
ज्योतिषों के अनुसार, आने वाले तीन सालों में यानी 2022 से लेकर 2024 तक 4 राशियां शनि की दशा से पूरी तरह से मुक्त रहेंगी. इनमें मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि शामिल हैं.
अगले 3 साल इन राशियों पर रहेगा शनि का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि 29 अप्रैल 2022 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. वहीं, मिथुन और तुला राशि के जातक इससे मुक्त हो जाएंगे. जबकि मीन वालों पर शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो जाएगा. इतना ही नहीं, मकर राशि के जातकों पर इसका अंतिम चरण तो कुंभ वालों पर इसका दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. धनु वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी.
2023-24 में इन राशि वालों को संभलने की जरूरत
ध्यान देने वाली बात है कि इसी साल 12 जुलाई को शनि के फिर से मकर राशि में गोचर करने से मिथुन, तुला और धनु जातक फिर से शनि की दशा की चपेट में आ जाएंगे और ये स्थिति 17 जनवरी 2023 तक रहेगी. 2022 में देखा जाए तो मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन जातकों पर शनि का प्रभाव रहेगा. इसी तरह, 2023 की बात करें तो इस साल कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी. वहीं मकर, कुंभ और मीन वालों पर शनि साढ़े साती का प्रभाव रहेगा. जबकि 2024 में कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन जातकों पर शनि की दृष्टि रहेगी.
पृथ्वी के दंडाधिकारी हैं शनिदेव
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि शनिदेव, सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं. शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय का देवता भी कहा जाता है. शनिदेव ने भगवान शंकर की घोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ होने का वरदान दिया. कहा कि तुम पृथ्वीलोक के न्यायाधीश और दंडाधिकारी रहोगे. तुम ही लोगों को कर्मों के अनुसार न्याय और दंड दोगे. यही कारण है कि जो लोग अच्छे कर्म करते है उन्हें शनि देव राजा बना देते हैं. वहीं बुरे कर्म करने वालों को राजा से रंक बना देते हैं. इसलिए शनिदेव से डरने के बजाय उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करनी चाहिए. साथ ही अपने कर्मों में भी सुधार करना चाहिए.


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