बैडलक से बचने के लिए अपनाएं ये वास्तु नियम

Update: 2023-08-12 13:38 GMT
तेजी सी बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के बीच इन दिनों मकान को बनाने के लिए जगह की कमी होना आम बात है. इस समस्या का हल निकालने के लिए अक्सर लोग अपने मकान में अक्सर बेसमेंट या फिर कहें तहखाना बनवाना पसंद करते हैं, लेकिन कई बार पार्किंग, स्टोर रूम या अन्य चीजों को ध्यान में रखकर बनवाया गया बेसमेंट ही उनकी बड़ी परेशानियों का कारण बन जाता है. यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में बना बेसमेंट दुख-दुर्भाग्य की बजाय सुख-सौभाग्य का कारण बने तो आपको उसे बनवाते समय इन वास्तु नियमों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए.
किस दिशा में बनवाएं बेसमेंट
यदि आप अपने घर में बेसमेंट बनवाना चाहते हैं हमेशा इसके लिए अपने प्लाट की पूर्व दिशा या फिर ईशान कोण को चुनें और इस दिशा में ही प्रवेश द्वार, रोशनदान आदि बनवाएं. वास्तु के अनुसार इन दोनों ही दिशा में बना बेसमेंट सुख-सौभाग्य को बढ़ाने वाला साबित होता है क्योंकि इस दिशा से आने वाला सूर्य का प्रकाश बेसमेंट में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का काम करता है. वास्तु के अनुसार घर में बने बेसमेंट की निगेटिविटी को दूर करने के लिए हर दिन सुबह के समय प्रकाश और ताजी हवा को जाने के लिए उसके दरवाजे और रोशनदान खोल देने चाहिए।
बेसमेंट में इन बातों का रखें ध्यान
घर में बने बेसमेंट में कई बार कुछ लोग घर का सारा कबाड़ या फिर अन्य प्रकार की चीजों को ले जाकर रख देते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बेसमेंट को कभी भूलकर भी जंक रूम या फिर स्टोर रूम में तब्दील नहीं करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बेसमेंट में इंट्री गेट हमेशा पूर्व दिशा या ईशान कोण की तरफ रखना चाहिए।
वास्तु नियमों के अनुसार बेसमेंट में उतरने वाली सीढ़ियां कभी भी ऊपरी मंजिल की सीढ़ियों के साथ जुड़ी हुई नहीं होनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार बेसमेंट को हमेशा उजले कलर से पेंट करवाना चाहिए। वास्तु के अनुसार बेसमेंट के लिए क्रीम, पिंक, हल्का पीला, लाइट ग्रीन आदि कलर शुभ रहता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आपको बेसमेंट में कोई भारी चीज जैसे आलमारी, बेड या फिर सोफा आदि रखना हो तो उसे आप बेसमेंट की दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें.
वास्तु शास्त्र के अनुसार बेसमेंट को कभी भी गंदा नहीं रखना चाहिए और वहां पर प्रकाश की उचित व्यवस्था रखनी चाहिए।
यदि आपके घर में बने बेसमेंट से जुड़ा कोई वास्तु दोष है तो उसकी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए एक शीशे के पात्र में समुद्री नमक को रखें और समय-समय पर उसे बदलते रहें.
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